दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान के पार चला गया है. पहाड़ी इलाकों के साथ दिल्ली में लगातार हो रही बारिश और हरियाणा के हथनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी ने नदी के प्रवाह को तेज कर दिया है.
इससे राजधानी में बाढ़ की आशंका गहरा गई है, जिसे देखते हुए प्रशासन ने सभी संबंधित एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा है. हालांकि सरकार का दावा है कि इस बार 2023 जैसे हालात नहीं होंगे.
बढ़ते जलस्तर से बाढ़ की आशंका
दिल्ली में जोरदार बारिश और पहाड़ी इलाकों में भारी वर्षा के कारण यमुना में पानी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है. वहीं हथिनकुंड बैराज से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे हालात और भी गंभीर हो सकते हैं.
रविवार (10 अगस्त) को सुबह 8 बजे तक पुराने लोहे पुल के पास यमुना नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर 204.05 मीटर और खतरनाक स्तर 205.33 मीटर के बीच दर्ज किया गया. जबकि दो दिन पहले यमुना का जलस्तर 205.33 मीटर का डेंजर लेवल भी पार कर गया था.
पुराने लोहे के पुल के पास पानी का बहाव सामान्य से काफी ऊपर है, जो कई निचले इलाकों के लिए खतरे की घंटी है. जलस्तर में हो रही वृद्धि से एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है, जिसे देखते हुए बाढ़ नियंत्रण विभाग ने भी सतर्कता बढ़ा दी है.
हथनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में छोड़ा जा रहा पानी
अधिकारियों का कहना है कि यमुना में पानी बढ़ने की सबसे बड़ी वजह हथनीकुंड बैराज से लगातार पानी का छोड़ा जाना है. पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण बैराज से हर घंटे हजारों क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा जा रहा है, जिससे दिल्ली का जलस्तर प्रभावित हो रहा है.
'नहीं होंगे 2023 जैसे हालात'
हालांकि, कुछ दिनों पहले यमुना नदी के निरीक्षण के दौरान केंद्रीय मंत्री प्रवेश वर्मा ने सभी बैराज के गेट खुले होने की बात कहते हुए, यह दावा किया था कि इस बार 2023 जैसी भयावह स्थित नहीं आएगी.
बहरहाल, यमुना का जलस्तर वार्निंग लेवल पार कर चुका है और बारिश का दौर जारी है. ऐसे में आने वाले दिनों में हालात पर प्रशासन की पैनी नजर है और बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए बचाव दल एवं अन्य एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं, ताकि आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई हो सके.