दिल्ली सरकार ने अप्रैल महीने में कुल बजट का सिर्फ 5 फीसदी अमाउंट खर्च करने का अपना आदेश वापस ले लिया है. 31 मार्च को दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने दिया था. इसमें कहा गया था कि अप्रैल महीने में कुल बजट का सिर्फ़ 5 प्रतिशत हिस्सा ही खर्च करना है. इस आदेश पर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी सरकार पर निशाना भी साधा था.

आतिशी ने बजट को बताया था 'हवा-हवाई'

पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने उस समय इस आदेश को लेकर निशाना साधते हुए कहा था कि दिल्ली का 1 लाख करोड़ रुपये का बजट “हवा-हवाई” है. आतिशी ने तब यह भी आरोप लगाए थे कि अगर सिर्फ 5% खर्च करने की इजाजत है, तो सरकार पहले महीने में सिर्फ़ 5,000 करोड़ रुपये खर्च कर पाएगी और साल भर में यह आंकड़ा 60,000 करोड़ से ज़्यादा नहीं पहुंचेगा.

सरकार ने क्यों वापस लिया आदेश?

ऐसे में आज 17 दिन के बाद बीजेपी सरकार ने अपने 5 प्रतिशत खर्च वाले आदेश को वापस ले लिया है. सूत्रों के मुताबिक एक बड़ी वजह बीजेपी सरकार की योजनाएं है क्यूंकि सरकार ने कई योजनाओं को पूरा करने के लिए 100 दिन का लक्ष्य रख रखा है ऐसे में तेजी से काम करने के लिए कई विभागों को 5 प्रतिशत से ज़्यादा पैसे की आवश्यकता थी ऐसे में योजनाओं के कार्यान्वयन में कोई रुकावट ना आये इसलिए दिल्ली सरकार ने अपना आदेश वापस लेने का फ़ैसला लिया है.

आतिशी ने कहा था कि 31 मार्च को दिल्ली सरकार के वित्त विभाग से जारी आदेश के अनुसार, किसी भी विभाग को अप्रैल में कुल बजट का केवल 5 प्रतिशत खर्च करने की अनुमति दी गई. इसका अर्थ यह हुआ कि अप्रैल महीने में सरकार केवल 5,000 करोड़ ही खर्च कर सकती है. इसी आधार पर पूरे साल में सरकार 60,000 करोड़ ही खर्च कर सकेगी. ऐसे में सवाल उठता है कि जब सरकार के पास खर्च करने के लिए पैसा ही नहीं है, तो 1 लाख करोड़ का बजट कैसे संभव है? उन्होंने कहा था कि बीजेपी सरकार का यह बजट विधानसभा के इतिहास का सबसे झूठा बजट है. दिल्ली सरकार ने बजट पेश करते समय 1 लाख करोड़ का दावा किया, जबकि हकीकत में यह बजट मात्र 78,000 करोड़ का ही है.