Delhi Lottery School Admissions: दिल्ली सरकार शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के तहत दाखिले के लिए 5 मार्च को लॉटरी प्रक्रिया का आयोजन करेगी. यह लॉटरी पूरी तरह पारदर्शी तरीके से अभिभावकों और मीडिया की मौजूदगी में संपन्न होगी. दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में शिक्षा विभाग मिशन मोड में काम कर रहा है. इसी कड़ी में पहली लॉटरी 5 मार्च को दोपहर 2:30 बजे शिक्षा विभाग के कॉन्फ्रेंस हॉल, ओल्ड सेक्रेटेरिएट में निकाली जाएगी.

अभिभावक खुद देख सकेंगे लॉटरी प्रक्रिया

आशीष सूद ने कहा कि सरकार हर प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. लॉटरी प्रक्रिया को कोई भी अभिभावक प्रत्यक्ष रूप से देख सकता है. अभिभावकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, स्थान की सीमित उपलब्धता के कारण, कई टीवी स्क्रीन भी लगाई जाएंगी ताकि सभी को प्रक्रिया स्पष्ट रूप से दिखाई दे सके.

शिक्षा में पारदर्शिता और सुशासन पर जोरशिक्षा मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार सभी क्षेत्रों में पारदर्शिता और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सरकार के इन प्रयासों का असर जल्द ही नजर आएगा.

ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत दाखिले क्यों जरूरी?

दिल्ली में निजी स्कूलों में 25% सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और वंचित वर्ग (DG) के बच्चों के लिए आरक्षित होती हैं. इन दाखिलों को लेकर कई बार अनियमितताओं और धांधली की शिकायतें सामने आती हैं. ऐसे में दिल्ली सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो और हर योग्य बच्चे को समान अवसर मिले.

क्या है प्रक्रिया?

• दिल्ली सरकार ऑनलाइन लॉटरी सिस्टम के जरिए इन दाखिलों का चयन करती है.

• लॉटरी पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड और रैंडम आधार पर निकाली जाती है ताकि किसी तरह की गड़बड़ी न हो.

• चयनित बच्चों की सूची सरकार की वेबसाइट पर भी सार्वजनिक की जाती है.

सरकार की यह पहल क्यों अहम है?

शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली सरकार की पिछले कुछ वर्षों में कई अहम पहलें रही हैं. सरकारी स्कूलों में बेहतर बुनियादी ढांचा, शिक्षकों की ट्रेनिंग, स्मार्ट क्लासरूम और रोजगारपरक शिक्षा पर जोर दिया गया है. इसके साथ ही, ईडब्ल्यूएस और डीजी कैटेगरी के दाखिलों में पूरी पारदर्शिता लाने की यह पहल हजारों जरूरतमंद बच्चों के लिए एक सुनहरा अवसर साबित होगी. अब देखने वाली बात होगी कि सरकार की इस पारदर्शी प्रक्रिया से निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस दाखिले कितने प्रभावी तरीके से हो पाते हैं और यह बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए कितनी मददगार साबित होती है.

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