Delhi Source Apportionment System: दिल्ली में अब प्रदूषण (Pollution) के सोर्स की लोकेशन को सही समय पर ट्रैक किया जा सकेगा. दिल्ली की केजरीवाल सरकार की सोर्स विभाजन सिस्टम (Source Apportionment System) 20 अक्टूबर से प्रदूषण के डेटा को भेजना शुरू कर देगा. इस बारे में दिल्ली सरकार की सलाहकार रीना गुप्ता ने कहा कि रियल टाइम के सोर्स विभाजन स्टडी से शहर के अंदर के विभिन्न प्रदूषण लोकेशन को सही समय पर ट्रैक किया जाएगा.
रीना गुप्ता ने बताया इसके अलावा कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का पूर्वानुमान घंटे के आधार पर तीन दिन पहले और दैनिक आधार पर एक सप्ताह पहले पता चलेगा. विभाजन और पूर्वानुमान के आधार पर शहर के प्रमुख प्रदूषण सोर्स पर लगाम लगाने के लिए एक्शन लिया जाएगा. बता दें कि दिल्ली सरकार ने आईआईटी-कानपुर के साथ मिलकर रियल टाइम में हवा की गुणवत्ता की निगरानी करने और पूर्वानुमान लगाने के लिए इस परियोजना को शुरू किया था.
इस परियोजना के माध्यम से दिल्ली में किसी विशेष स्थान पर वायु प्रदूषण में होने वाली बढ़ोतरी का भी पता चलेगी. जो प्रदूषण के सोर्स के रूप में वाहन, धूल, विद्युत संयंत्र, बायोमास जलाना, पराली जलाना और कारखानों से निकलने वाला धुआं हो सकता है. इस परियोजना से दिल्ली के अंदर और बाहर कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता और एक्यूआई का दैनिक और साप्ताहिक पूर्वानुमान भी पता चलेगा. अगर सरकार को पहले से ही प्रदूषण की जानकारी मिलगी तो इससे स्कूलों को बंद करने और निर्माण कार्यों और वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने जैसे अहम फैसले लेने में मदद मिलेगी.
इलेक्ट्रिक वाहन नीति से प्रदूषण में आई गिरावट- सीएम केजरीवाल
इससे पहले आज शुक्रवार को ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कचरा जलाने, धूल और वाहनों की जांच के लिए टीमों के गठन सहित 15-सूत्रीय शीतकालीन कार्य योजना की घोषणा की है. सीएम ने इस दौरान कहा कि साल 2020 में इलेक्ट्रिक वाहन नीति और 24 घंटे बिजली आपूर्ति सहित सरकार द्वारा उठाए गए कुछ कदमों से पिछले चार सालों में वायु प्रदूषण के स्तर में 18.6 प्रतिशत की गिरावट आई है.