Delhi Fraud Case: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता मिली है. क्राइम ब्रांच की टीम ने 8.25 करोड़ रुपये की ठगी के वांछित आरोपी को धर दबोचा. आरोपी की पहचान शाहदरा निवासी आशीष शर्मा के रूप में हुई है. 39 वर्षीय आशीष शर्मा के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने 2016 में ठगी का मामला दर्ज किया था.
पुलिस ने बताया कि मई 2015 में हरविंदर सिंह की मुलाकात गुंजीत सिंह, मोहनजीत सिंह, रविन्द्र रस्तोगी और आशीष शर्मा से हुई. सभी लोगों ने शिकायतकर्ता को पश्चिम पंजाबी बाग में संपत्ति खरीदने के लिए प्रेरित किया.
संपत्ति का सौदा 12 करोड़ में तय होने के बाद आरोपियों ने शिकायतकर्ता से किस्तों में 8.25 करोड़ रुपये ले लिए. छानबीन करने पर खुलासा हुआ कि संपत्ति बैंक ऑफ बड़ोदा और आईडीबीआई बैंक के पास गिरवी रखी गई है. धोखाधड़ी की जानकारी मिलने पर शिकायतकर्ता आर्थिक अपराध शाखा के पास पहुंचा. 13 दिसंबर 2016 को धारा 420 और 120बी आईपीसी के तहत शिकायत दर्ज की गई.
अदालत का भगोड़ा गिरफ्तार
2 जून 2015 को हुए समझौते में आरोपियों ने बताया था कि संपत्ति पर किसी भी लोन, बंधक या अन्य देनदारी नहीं है. आरोपियों के भरोसे पर शिकायतकर्ता ने 8.25 करोड़ रुपये की अदायगी कर दी. शिकायतकर्ता से आरोपियों ने 8.25 करोड़ रुपये किस्तों में लिए. छानबीन में पता चला कि संपत्ति पहले से गिरवी है.
क्राइम ब्रांच को मिली सफलता
बैंक ऑफ बड़ोदा और आईडीबीआई बैंक के पास संपत्ति गिरवी रखी गई थी. पीड़ित की शिकायत पर ईओडब्ल्यू ने आशीष शर्मा को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया. ईओडब्ल्यू के समन को नजरअंदाज कर आशीष शर्मा फरार हो गया. 6 फरवरी 2019 को मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने आशीष शर्मा को भगोड़ा घोषित कर दिया था. भगोड़े की तलाश में क्राइम ब्रांच की टीम जुटी हुई थी.
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