दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सरकार अब राजधानी में 6 नए हाई-टेक एयर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाने जा रही है. ये स्टेशन 15 जनवरी 2026 तक शुरू हो जाएंगे. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसकी आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा कि इससे दिल्ली में हवा की निगरानी और भी मजबूत होगी और सरकार को वास्तविक स्थिति की सही जानकारी 24 घंटे मिलती रहेगी.

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दिल्ली के 6 महत्वपूर्ण इलाकों में बनाए जाएंगे नए मॉनिटरिंग स्टेशन

ये 6 स्टेशन दिल्ली के महत्वपूर्ण शैक्षणिक और संस्थागत इलाकों में लगाए जा रहे हैं

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU)इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU)ISRO अर्थ स्टेशन, मलचा महलदिल्ली कैंटकॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्सनेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (वेस्ट कैंपस)

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इन स्थानों को इसलिए चुना गया है ताकि दक्षिण, मध्य और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली की हवा का विस्तृत और सही डेटा मिल सके.

हाई-टेक मशीनों से मिलेगी रीयल टाइम जानकारी

हर स्टेशन में अत्याधुनिक मशीनें लगाई जा रही हैं जो लगातार-PM2.5, PM10, SO₂, NOₓ, CO, O₃, NH₃ और BTEX जैसे खतरनाक प्रदूषकों को मापेंगी.

इसके साथ ही हवा की गति, दिशा, तापमान, नमी, बारिश और सूर्य की रोशनी से जुड़ा डेटा भी रिकॉर्ड होगा. यह सभी आंकड़े रीयल टाइम में DPCC और CPCB को भेजे जाएंगे. आसपास के इलाकों में लगे इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड पर भी हवा की गुणवत्ता लगातार दिखाई जाएगी, ताकि लोग तुरंत स्थिति समझ सकें.

मॉनिटरिंग क्षमता बढ़ाने और सख्त नियमों पर जोर

दिल्ली लंबे समय से प्रदूषण की चुनौती से लड़ रही है. यही वजह है कि विशेषज्ञों का मानना है कि बिना सही डेटा के प्रदूषण पर काबू पाना मुश्किल है. सरकारी एजेंसियां तभी तेज़ी से कदम उठा पाती हैं जब उन्हें सही समय पर सही जानकारी मिले.पर्यावरण मंत्री सिरसा ने कहा जब शहर को पूरी और सही जानकारी मिलती है तभी प्रदूषण से लड़ाई मजबूत होती है. नए स्टेशन दिल्ली की मॉनिटरिंग क्षमता को कई गुना बढ़ा देंगे.सरकार ने एक अनुभवी तकनीकी कंपनी का चयन किया है, जो इन स्टेशनों की सप्लाई, इंस्टॉलेशन, संचालन और रखरखाव अगले 10 साल तक करेगी. स्टेशन में होने वाली किसी भी गड़बड़ी की तुरंत मरम्मत, नियमित सर्विसिंग और डेटा की गुणवत्ता बनाए रखना उसी कंपनी की जिम्मेदारी होगी.सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्टेशन से आने वाले डेटा की क्वालिटी 90% से कम नहीं हो सकती. अगर ऐसा हुआ तो कंपनी पर दंड लगेगा.

सरकार का कहना है कि यह कदम स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा, कचरा प्रबंधन में सुधार, इलेक्ट्रिक वाहन, उद्योगों पर सख्त निगरानी और निर्माण प्रदूषण नियंत्रण जैसी बड़ी योजनाओं को और मजबूत करेगा. अंत में मंत्री सिरसा ने कहा कि दिल्ली दीर्घकालिक समाधान की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है.