Delhi Electric Vehicle Policy 2.0: दिल्ली की सड़कों पर अब बदलाव की आहट सुनाई दे रही है. आने वाले दिनों में हो धुएं की चादर हटने का आसार नजर आ रहे हैं. ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहनों की नई सुबह दस्तक देने वाली है. दिल्ली सरकार EV (इलेक्ट्रिक व्हीकल) पॉलिसी 2.0 को लेकर आज (15 अप्रैल) को कैबिनेट बैठक करने जा रही है, जहां इस मसौदा नीति पर चर्चा की जाएगी.

2027 तक 95 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनसरकारी अधिकारियों के मुताबिक, मसौदे को मंजूरी मिलने के बाद परिवहन विभाग इसे अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करेगा और आम जनता व संबंधित हितधारकों से सुझाव मांगेगा. इस नई नीति के तहत सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2027 तक दिल्ली में पंजीकृत 95 प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक हों, और 2030 तक यह आंकड़ा 100 प्रतिशत तक पहुंचे.

पहली EV नीति और उसका असरगौरतलब है कि साल 2020 में आम आदमी पार्टी की सरकार ने पहली बार EV नीति लागू की थी, जिसका लक्ष्य 2024 तक 25 प्रतिशत वाहनों को इलेक्ट्रिक बनाना था. हालांकि, अब तक दिल्ली में केवल 9.39 प्रतिशत वाहन ही इलेक्ट्रिक हो पाए हैं.

नई पॉलिसी में आकर्षक सब्सिडीनई पॉलिसी में जनता के लिए कई आकर्षक सब्सिडी प्रस्तावित हैं. 20 लाख रुपये तक की ई-कार खरीदने पर सब्सिडी मिलेगी. इसके साथ ही, महिलाओं को प्रोत्साहन देने के लिए पहले 100 ई-दोपहिया वाहन खरीदने वाली महिलाओं को 30,000 रुपये की सीधी छूट दी जाएगी.

ई-वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन में बदलावएक अधिकारी ने बताया, “नई नीति के तहत अगले साल से केवल ई-दोपहिया और ई-ऑटो रजिस्ट्रेशन को प्राथमिकता दी जाएगी. टैक्सी और कैब सेवाओं को भी इलेक्ट्रिक मोड में शिफ्ट करने का लक्ष्य रखा जाएगा.” इसके अलावा, पुराने पेट्रोल, सीएनजी और डीजल वाहनों को स्क्रैप करने पर मुआवजा या सब्सिडी का भी प्रावधान हो सकता है.

दिलचस्प बात यह है कि एक ही पते पर तीसरी गाड़ी रजिस्टर कराने के लिए उसे इलेक्ट्रिक वाहन होना अनिवार्य किया जाएगा. यह नीति न केवल दिल्ली की हवा को साफ करेगी, बल्कि देशभर में EV अपनाने की दिशा में एक मिसाल भी कायम करेगी.