दिल्ली में बुधवार को अपराह्न तीन बजकर 27 मिनट पर बिजली की मांग बढ़कर 5,462 मेगावाट हो गई, जो इस साल अब तक का उच्चतम स्तर है. राज्य लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली. दिल्ली के ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि इस मौसम में शहर में बिजली की अधिकतम मांग 9,000 मेगावाट तक पहुंच सकती है.

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सूद ने कहा, "हमने खरीद दक्षता बढ़ाने के लिए दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) से सभी बिजली खरीद समझौतों की समीक्षा करने को कहा है." बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस ने हाल ही में कहा था कि वह बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए तैयार है और उसने राष्ट्रीय राजधानी में लगभग दो करोड़ निवासियों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए व्यापक व्यवस्था की है.

बिजली की बढ़ती मांग को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ आतिशी की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने दिल्ली की बीजेपी सरकार और सीएम रेखा गुप्ता पर निशाना साधा है. केजरीवाल ने सोशल मीडिया साइट 'एक्स' पर लिखा, "कल दिल्ली में पीक डिमांड 5462 MW थी. केवल इतने में ही कल रात पूरी दिल्ली में कई जगहों पर कई कई घंटे बिजली नहीं आई. पिछले साल पीक डिमांड लगभग 8500 MW पहुंच गई थी. फिर भी हमारी सरकार के दौरान दिल्ली में कहीं बिजली नहीं गई."

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हमने बिजली सिस्टम को मुश्किल से ठीक किया था- अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने आगे लिखा, "आने वाले हफ्तों में जब दिल्ली में गर्मी और बढ़ेगी और बिजली की डिमांड भी बढ़ेगी तो क्या होगा? पिछले दस साल में हमने दिल्ली के बिजली सिस्टम को बड़ी मुश्किल से ठीक किया था. कहते हैं किसी भी चीज को ठीक करने में बरसों लग जाते हैं, लेकिन उसे खराब दो दिनों में ही कर दिया जाता है."

इसके अलावा आतिशी ने 'एक्स' पर लिखा, "कल रात को दिल्ली वाले बहुत परेशान रहे. जगह-जगह पर लंबे लंबे पॉवर कट हुए. रात भर मुझे दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से मैसेज और कॉल आए. लोग बहुत परेशान हैं, लेकिन बीजेपी की दिल्ली सरकार सो रही है."

 फिलहाल दिल्ली में बिजली की मांग बढ़ते ही सियासत शुरू हो गई है और दोनों तरफ से लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.