पिता का नाम जगदीश शर्मा, बेटा मुबारक अली? सीलमपुर में बूथ पर पहुंचकर भी वोट नहीं दे पाए राजीव शर्मा
Delhi Election 2025: दिल्ली चुनाव में कई मतदाता वोट नहीं डाल पाए. कुछ के नाम सूची से कट गए थे, कुछ देर से पहुंचे. एक मतदाता का नाम राजीव कुमार से मुबारक अली कर दिया गया था.

Seelampur Assembly: हर चुनाव की तरह इस चुनाव में भी कई ऐसे मतदाता थे जो मतदान केंद्र में तो पहुंचे लेकिन वोट नहीं डाल पाए. किसी का नाम वोटर लिस्ट से कट गया था तो कोई 6 बजे की समय सीमा के बाद वोटिंग बूथ पर पहुंचा था. लेकिन आज दिल्ली में चुनावी प्रकिया को कवर करने के दौरान एबीपी न्यूज के सामने एक दिलचस्प मामला सामने आया जो चुनावी कार्य में लगे अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा कर रहा है.
सीलमपुर विधानसभा के मतदान को कवर करने के दौरान हमारी मुलाकात ब्रह्मपुरी स्थित पोलिंग बूथ न्यू बाल ज्योति पब्लिक स्कूल के बाहर इलाके में रहने वाले राजीव कुमार शर्मा से हुई. राजीव लगभग 1 बजे इसी पोलिंग बूथ पर मतदान करने आए थे, लेकिन उन्हें वापस भेज दिया गया और कारण सुनकर आप चौंक जाएंगे. असल में राजीव के मुताबिक जब वो पोलिंग बूथ पर पहुंचे तो उन्हें BLO ने मतदान के लिए एक पर्ची दी जिस पर उनके वोटर आईडी नंबर पर राजीव कुमार शर्मा की जगह मुबारक अली दर्ज था.
जब BLO द्वारा दी गई पर्ची और वोटर आईडी का मिलान किया गया तो दोनों पर राजीव कुमार के वोटर आईडी कार्ड का नंबर (EPIC) XPT2479723 दर्ज था. पिता का नाम भी जगदीश कुमार शर्मा दर्ज था लेकिन मतदाता का नाम राजीव कुमार की जगह मुबारक अली कर दिया गया था. राजीव के मुताबिक जब उन्होंने BLO और मौके पर मौजूद अधिकारियों से बातचीत की तो पता चला कि यह गड़बड़ी मतदाता सूची में हुई है जहां इस बार की प्रकाशित मतदाता सूची में उनका नाम राजीव कुमार से मुबारक अली किया गया.
अब चूंकि चुनाव आयोग के आदेश के मुताबिक किसी भी मतदाता का जो नाम वोटर लिस्ट में है उसी नाम का उसके पास पहचान पत्र होना चाहिए ऐसे में चूंकि राजीव का नाम मुबारक अली वोटर लिस्ट में लिखा था और सारे पहचान पत्र राजीव कुमार शर्मा नाम से थे तो राजीव को वोट नहीं डालने दिया गया.
एबीपी न्यूज़ के साथ मतदान ना कर पाने के दुख के साथ राजीव ने बातचीत की और कहा कि "क्या यह संभव है कि किसी व्यक्ति का नाम मुबारक अली हो और उसके पिता का नाम जगदीश शर्मा, यह चुनावी प्रक्रिया में शामिल लापरवाह अधिकारियों की गलती है जिसका खामियाजा उन्हें आपके मताधिकार का उपयोग ना करने पाने से उठाना पड़ रहा है."
भारत में कानूनी नियम है कि अगर कोई व्यक्ति मतदाता सूची में अपना नाम बदलवाना चाहता है तो उसे Form 8 के तहत आवेदन करना होगा और साथ में सरकार द्वारा दिया गया कोई दस्तावेज लगाना होगा जिसमें उसका नया नाम और पिता का नाम सब कुछ एक जैसा ही लिखा हो लेकिन राजीव के मुताबिक ना ही उन्होंने Form 8 भरा और ना ही नाम में बदलाव का उनके पास कोई भी सरकार की तरफ से नोटिस आया लेकिन फिर भी ना जाने किस बुनियाद पर उनका नाम बदला गया.
राजधानी दिल्ली में आज 70 सीटों पर मतदान हो गया और अब 8 फरवरी को पता चलेगा कि जनता का साथ किस पार्टी और किस उम्मीदवार को मिलता है लेकिन दिल्ली का ये चुनाव कई सवाल भी खड़ा कर गया है जिन पर चुनाव आयोग और चुनावी कार्य में लगे अधिकारियों को काम करने की जरूरत है. पिछले 3 महीने से दिल्ली में कई राजनैतिक पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगा रही थी कि राजनैतिक स्वार्थ की वजह से दिल्ली में वोटर लिस्ट से लोगों के नाम गलत तरीके से कटवाए जा रहे हैं लेकिन चुनावी प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारी "सब ठीक है" का आश्वासन लगातार देते रहे थे, लेकिन यह प्रक्रिया कितनी ठीक है इसका अनुमान आप राजीव के मामले से लगा सकते हैं.
इससे पहले भी एबीपी न्यूज़ ने पिछले महीने खुलासा करके दिखाया था कि ऐसे वर्षों से एक ही मकान में रहने वाले लोगों के वोट सीलमपुर विधानसभा से यह बोल कर काट दिए गए कि वे लोग शिफ्ट कर गए हैं.
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Source: IOCL






















