Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट से 29 जनवरी से 3 फरवरी तक मिली पैरोल के बाद आज (29 जनवरी) सुबह जेल से बाहर आ गए. इस दौरान वह हर दिन 12 घंटे चुनाव प्रचार कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ताहिर हुसैन को अपनी कस्टडी पैरोल का खर्च खुद ही उठाना होगा. 2020 से जेल में बंद ताहिर हुसैन मुस्तफाबाद सीट से असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई की शर्तों में कहा है कि ताहिर हुसैन को दो पुलिसकर्मियों, जेल वैन और उनके लिए तैनात किए जाने वाले एस्कॉर्ट वाहन का खर्च वहन करना होगा. कोर्ट ने ताहिर हुसैन को दो दिन का अग्रिम खर्च जमा करने का निर्देश दिया है. यह प्रतिदिन लगभग दो लाख रुपये से अधिक है. इसके अलावा कोर्ट ने ताहिर हुसैन को पार्टी कार्यालय जाने और निर्वाचन क्षेत्र के भीतर मतदाताओं के साथ बैठकें करने की अनुमति दी है.
कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?हालांकि, वह करावल नगर में अपने घर पर नहीं जा सकेंगे. इसके अलावा ताहिर हुसैन को अपने खिलाफ लंबित मामलों के बारे में कुछ भी बोलने की अनुमति नहीं है. कोर्ट ने अपने आदेश में आगे कहा कि ताहिर हुसैन को जेल मैनुअल के अनुसार, 12 घंटे के लिए 2.47 लाख रुपये का खर्च जमा करने पर जेल से रिहा किया जाएगा. जेल मैनुअल के अनुसार ताहिर हुसैन हर दिन 12 घंटे के लिए ही चुनाव प्रचार कर सकते हैं.
ओवैसी ने लोगों से की ये अपीलबता दें असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) ने ताहिर हुसैन को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मुस्तफाबाद सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने लोगों से कहा था कि मैं अपील करता हूं कि जब तुम ताहिर को देखो, तो अपनी आंखों में आंसू न लाओ.
दिल्ली दंगे में 53 लोगों की हुई थी मौतउत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी 2020 को दंगे हुए थे, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे. ताहिर हुसैन खुफिया ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की मौत से जुड़े मामले में आरोपी हैं.