दिल्ली में वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के साइबर थाना पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए 40 लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड को जयपुर से गिरफ्तार किया है. आरोपी विष्णु कांत शर्मा नामक शख्स एक सुनियोजित योजना के तहत लोगों को IPO में इन्वेस्टमेंट का झांसा देकर जाल में फंसा रहा था.
पुलिस अब इसके बाकी साथियों की तलाश में जुटी है. DCP विचित्र वीर ने बताया कि, पश्चिमी दिल्ली के रहने वाले पीड़ित की शिकायत पर इस पूरे गोरखधंधे का खुलासा पुलिस ने किया है.
व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ कर लिया झांसे में
पीड़ित ने पुलिस को दी गयी शिकायत में बताया कि, उसे "यस सिक्योरिटी" नामक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर फर्जी वेबसाइट के माध्यम से झांसा दिया गया. इन्वेस्टमेंट पर मोटे रिटर्न का की बात कह कर धीरे-धीरे करके 40 लाख रुपये की ठगी कर ली गई.
पुलिस के अनुसार, आरोपी लोगों को इन्वेस्टमेंट पर शानदार रिटर्न का झांसा देकर फंसाता था. रकम ऐंठने के बाद वह पैसों से क्रिप्टोकरंसी खरीदकर आगे बेच देता था, जिससे ट्रैकिंग बेहद मुश्किल हो जाती थी. शुरुआत में विष्णु ने कमीशन के आधार पर दूसरे लोगों के बैंक अकाउंट्स (म्यूल अकाउंट) का इस्तेमाल किया.
धंधे में जान-पहचान वालों को शामिल कर लिया
धीरे-धीरे जान-पहचान वालों को भी इस धंधे में शामिल कर लिया और एक पूरा गैंग बनाकर ठगी का जाल फैलाया. DCP ने बताया कि, फरवरी महीने में केस दर्ज होने के बाद SHO विकास कुमार बुलडक की निगरानी में सब इंस्पेक्टर अमित मलिक, हेड कांस्टेबल सुनील और कांस्टेबल भूपेंद्र की टीम ने गहन जांच शुरू की.
टेक्निकल सर्विलांस और ट्रैकिंग के जरिए टीम जयपुर पहुंची और मानसरोवर सांगानेर की 'घर आंगन सोसायटी' से विष्णु को धर दबोचा. पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी विष्णु मूल रूप से बीकानेर का रहने वाला है. साल 2018 में वह सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था.
ठग बनने की कहानी
बाद में उसने फर्नीचर का कारोबार शुरू किया और OLX जैसे प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से फर्नीचर बिक्री का काम करता था, लेकिन जल्दी अमीर बनने की चाह में उसने शॉर्ट-कट अपनाया और साइबर क्राइम की दुनिया में कूद पड़ा. पुलिस अब विष्णु के साथियों और फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की गहराई से जांच कर रही है.