Delhi Murder Case: दिल्ली में शाहदरा जिले की जीटीबी एन्क्लेव थाने की पुलिस ने 5 महीने से फरार चल रहे एक नाबालिग अपराधी को गिरफ्तार किया है. यह एक बेहद सनसनीखेज हत्या के मामले में वांटेड था, जिसमें एक युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी और उसके दो दोस्तों पर भी जानलेवा हमला किया गया था.

डीसीपी प्रशांत गौतम के मुताबिक ये मामला 29-30 सितंबर 2024 की रात का है, जब तीन दोस्त- अनुराग (मृतक), रिंकू और आकाश एक क्लब से लौट रहे थे. रास्ते में उन्होंने कुछ नाबालिगों को गाड़ी धीरे चलाने की सलाह दी, जिससे कहासुनी हो गई. 

अनुराग नाम के शख्स पर 13 बार चाकू से हमला 

पुलिस के मुताबिक यह मामूली विवाद जल्द ही हिंसक झगड़े में बदल गया, जिसमें छह युवकों ने चाकू से इन पर हमला कर दिया. हमले में अनुराग को 13 बार चाकू मारा गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई, जबकि रिंकू गंभीर रूप से घायल हो गया. इस सनसनीखेज वारदात के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की.

5 आरोपी पहले ही गिरफ्तार, मुख्य आरोपी था फरार

पुलिस ने इस मामले में पहले ही पांच आरोपियों, अर्जुन, रोहित, गोपाल, अभिषेक कुमार उर्फ डोरेमोन और एक अन्य नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन मुख्य आरोपी लगातार पुलिस को चकमा देकर गिरफ्त से बच रहा था. उसकी तलाश में कई बार गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र में दबिश दी गई, लेकिन वह हर बार बच निकलने में कामयाब रहा. 

उसने अपने सभी मोबाइल नंबर और सोशल मीडिया अकाउंट भी बंद कर दिए थे, जिससे उसका पता लगाना और भी मुश्किल हो रहा था. लगातार फरार रहने के कारण 8 जनवरी 2025 को कड़कड़डूमा कोर्ट ने इसके खिलाफ नॉन-बेलेबल वारंट जारी किया था और इसे भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी थी.

पुलिस इंस्पेक्टर अश्वनी अंबारिया की टीम ने पकड़ा

डीसीपी ने जानकारी देते हुए बताया, ''20 फरवरी 2025 को इंस्पेक्टर अश्वनी अंबारिया को सूचना मिली कि वांटेड आरोपी लोनी के राधा विहार में अपने दोस्त से मिलने आएगा और सेवा धाम रोड, मांडोली से गुजरेगा. जिस पर त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए इंस्पेक्टर अंबारिया के नेतृत्व में एएसआई विक्रम, हेड कांस्टेबल विकास, हेड कांस्टेबल शिव गोपाल और कांस्टेबल वीरेंद्र की टीम का गठन किया गया.''

पूछताछ में नाबालिग आरोपी ने गुनाह किया कबूल

पुलिस की टीम ने सूचना के आधार पर ट्रैप लगा कर संदिग्ध आरोपी को दबोच लिया. हालांकि उसने खुद को बचाने के लिए पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन कमायाब नहीं हो सका. सख्ती से पूछताछ में आरोपी ने अपना गुनाह स्वीकारते हुए बताया कि, उसने 5 महीने पहले झिलमिल मेट्रो स्टेशन के पास अपने पांच साथियों के साथ मिलकर इस हत्या को अंजाम दिया था. 

पूछताछ में आरोपी के नाबालिग होने का पता चला. इस मामले में पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने प्रस्तुत किया, जहां से उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया है.

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