Delhi Weather Today Update: दिल्ली एनसीआर में ठंड और शीतहलर (Cold Wave) का कहर जारी है. राहत की बात ये है कि कोहरे का असर कम है. इस बीच भारत मौसम विभाग (IMD) ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ की वजह से 21 जनवरी से 25 जनवरी तक दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) सहित उत्तर पश्चिम भारत का मौसम बदल सकता है. आज दिल्ली में आईएमडी ने शीतलहर का येलो अलर्ट (Yellow alert) भी जारी किया है. लोगों के ठंड के बीच बारिश का कहर भी झेलना पड़ेगा. इससे पहले जनवरी महीने में लगातार पांच दिन दिल्ली में शीतलहर का लोग सामना कर चुके हैं. मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आज दिल्ली का न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तो अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस के आसपास होगा.
बुधवार की सुबह दिल्ली में हल्का कोहरा भी देखने को मिला. सफदरजंग और पालम इलाके में विजिबिलिटी 1000 मीटर के करीब रही. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मौसम को लेकर अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया है कि हल्की से मध्यम बारिश और 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ ओलावृष्टि अगले सप्ताह दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत में हो सकती है. दिल्ली में पश्चिमी विक्षोभ का असर 21 जनवरी से 25 जनवरी तक रहने की संभावना है, इसलिए दिल्ली एनसीआर के लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.
1.4 डिग्री तक गिर सकता है न्यूनतम तापमानआईएमडी ने यह भी कहा कि दिल्ली में जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम ओलावृष्टि होने की संभावना है. 23 और 24 जनवरी को वेस्ट यूपी और उत्तरी राजस्थान में बारिश की संभावना है. दिल्ली में आज सुबह का तापमान पांच डिग्री सेल्सियस के करीब है. 21 जनवरी की तड़के बारिश और बर्फबारी शुरू होने और 23 से 24 जनवरी को बारिश के साथ शीतलहर का कहर झेलना पड़ सकता है. इसका असर 25 जनवरी तक जारी रहने की संभावना है. इस दौरान न्यूनतम तापमान 1.4 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है.
वेस्ट यूपी में शीतलहर का असर कम होने के आसारवहीं उत्तर पश्चिम भारत में शीत लहर की स्थिति 19 जनवरी से कम हो जाएगी. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पाला पड़ने की संभावना है. दिल्ली से लगते वेस्ट यूपी में शीत लहर की स्थिति 19 जनवरी से समाप्त हो जाएगी. हालांकि, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पाला पड़ने की संभावना बरकरार रहेगी. मौसम विभाग के मुताबिक मौसम में बदलाव नवंबर और दिसंबर में मजबूत पश्चिमी विक्षोभ की कमी के कारण हो सकता है.