देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को रोकने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने ‘इनोवेशन चैलेंज’ की शुरुआत की है, जिसके तहत आम लोग, शोधकर्ता और संस्थान ऐसे नए और सस्ते तकनीकी समाधान सुझा सकते हैं, जो प्रदूषण को कम करने में मदद करें. इस पहल को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने पर्यावरण विभाग के तहत शुरू किया है. 

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सरकार ने बताया कि लोग अपने प्रोजेक्ट या सुझाव 31 अक्टूबर तक भेज सकते हैं. इसके बाद सभी प्रपोजल का तीन चरणों में मूल्यांकन किया जाएगा. चयनित प्रोजेक्ट को सरकार की ओर से 5 लाख से लेकर 50 लाख रुपये तक का इनाम मिलेगा. जिन विचारों और तकनीकों से प्रदूषण नियंत्रण में प्रभावी सुधार संभव होगा, उन्हें दिल्ली में लागू भी किया जा सकता है. 

डीपीसीसी करेगी प्रोजेक्ट की शुरुआती जांच

पहले चरण में डीपीसीसी की ओर से प्रोजेक्ट की प्रारंभिक जांच और योग्यता देखी जाएगी. दूसरे चरण में इंडिपेंडेंट टेक्निकल इवोल्यूशन कमेटी द्वारा मॉडल की सख्त तकनीकी जांच की जाएगी, जिसमें उसकी वैलिडिटी और प्रभावशीलता परखने की प्रक्रिया होगी. तीसरे चरण में चुने गए सर्वश्रेष्ठ मॉडल को वित्तीय सहायता और फील्ड ट्रायल के लिए स्वीकृति दी जाएगी. 

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'दिल्ली जैसे बड़े शहर में नई तकनीक की मदद जरूरी'

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, ''दिल्ली को स्वच्छ और सांस लेने योग्य बनाने के लिए सरकार नवाचार (Innovation) को बढ़ावा दे रही है .  दिल्ली जैसे बड़े शहर में पारंपरिक उपायों के साथ-साथ नई तकनीक की मदद जरूरी है.'' 

ऑटोमेटिक एंटी-स्मॉग मिस्टिंग सिस्टम लॉन्च

इसी दिशा में दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने भी शुक्रवार (10 अक्टूबर 2025) को द्वारका सेक्टर-19 में ऑटोमेटिक एंटी-स्मॉग मिस्टिंग सिस्टम का उद्घाटन किया. यह सिस्टम दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की पहल पर लगाया गया है, जो हवा में मौजूद धूल और सूक्ष्म कणों को कम करेगा. लगभग 7 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में 166 इलेक्ट्रिक पोलों पर हाई-प्रेशर मिस्टिंग नोजल लगाए गए हैं, जो समय-समय पर धुंध और धूल पर पानी की महीन बौछार छोड़ेंगे.

सरकार का मानना है कि यह मॉडल प्रोजेक्ट भविष्य में दिल्ली के अन्य इलाकों में भी लगाया जा सकता है. दिल्ली हर साल सर्दियों में प्रदूषण की गंभीर समस्या झेलती है, खासकर पराली जलने और धूल प्रदूषण की वजह से. ऐसे में रेखा गुप्ता सरकार की यह नई पहल प्रदूषण पर रोक लगाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है.