दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक बड़े ठगी गिरोह का खुलासा किया है. यह गिरोह देशभर में कारोबारियों को फर्जी निवेश का झांसा देकर करोड़ों रुपये हड़प रहा था. पुलिस ने अहमदाबाद से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि बाकी आरोपियों की तलाश जारी है. गिरफ्तार आरोपी के पास से करीब 43 लाख रुपये नकद, एक कार और कई महंगे मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं.

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ऑनलाइन मीटिंग में हुई ठगी

पुलिस के मुताबिक, शिकायत 8 जुलाई 2025 को दर्ज कराई गई थी. दरियागंज स्थित एक कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर ने बताया कि जनवरी में महाराष्ट्र के कुछ लोग कंपनी से जुड़े. उन्होंने सीएसआर फंड में निवेश का झांसा देकर दस्तावेज और चेक मांगे.

आरोपी कंपनी से कई बार ऑनलाइन मीटिंग करता रहा और 25 फरवरी को उसने कंपनी के प्रतिनिधियों से 69 लाख रुपये कैश में ले लिए. बदले में उसने नकली आरटीजीएस का स्क्रीनशॉट भेजा. इसके बाद आरोपी और उसका गिरोह फरार हो गया.

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साइबर सेल ने की बड़ी कार्रवाई

शिकायत मिलने के बाद साइबर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई और एक विशेष टीम बनाई गई. लगभग 15 दिनों की जांच और अहमदाबाद-मुंबई में छापेमारी के बाद पुलिस ने मुंबई के रहने वाले जितेंद्र नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया.

पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह मनीष बदानी नाम के मास्टरमाइंड के लिए काम करता है. पुलिस ने बताया कि गिरोह का तरीका था अलग-अलग शहरों में अस्थायी ऑफिस खोलना और कारोबारियों को निवेश का झांसा देकर ठगी करना, फिर फरार हो जाना.

गिरफ्तार आरोपी ने खोले कई राज

गिरफ्तार आरोपी ने पुलिस को यह भी बताया कि इसी तरह मुंबई में एक डॉक्टर से 3 करोड़ रुपये की ठगी हुई थी. गिरोह का यह तरीका बड़ी आसानी से काम करता था क्योंकि वे कारोबारियों को फर्जी दस्तावेज और नकली ट्रांजेक्शन स्क्रीनशॉट दिखाकर भरोसा जीत लेते थे.

दिल्ली पुलिस अब बाकी फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है. पुलिस का कहना है कि उनका मकसद है पूरे नेटवर्क को पकड़ना और कारोबारियों की हानि की भरपाई कराना. साइबर सेल ने लोगों को सावधान रहने की भी चेतावनी दी है और कहा कि किसी भी निवेश में हमेशा दस्तावेज और लेन-देन की पुष्टि करें.