Delhi News: दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक पांच मंजिली निर्माणाधीन इमारत गिरने की घटना के 30 घंटे बाद एक परिवार के चार सदस्यों को सुरक्षित निकाला गया. परिवार को फिर अस्पताल में भर्ती कराया गया. होश आने के बाद परिवार के एक सदस्य ने बताया कि उनके लिए मलबे के अंदर 30 घंटे कैसे थे और उन्होंने कैसे अपनी जान बचाई. 

बुराड़ी में सोमवार शाम एक 5 मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिर गई थी. इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई. इसमें एक बच्ची भी शामिल है. इस घटना में कुल 12 लोग घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. 

मैंने खो दी थी हिम्मत- पीड़ित

पीड़ित व्यक्ति ने एएनआई से बातचीत में बताया, ''हम लोग खाना बनाने के लिए तैयार हो रहे थे. साढ़े छह बजे बिल्डिंग गिर गई. पांच मंजिला इमारत का मलबा अपने ऊपर से कैसे हटाते. मैंने हिम्मत खो दी थी. यहां बचाने वाले बहुत कम थे. अगर मैं किसी का कुछ बिगाड़ा होता तो नहीं बचता. लेकिन मैंने किसी का बुरा नहीं किया और हमेशा माता-पिता की सेवा की है इसलिए मेरी और मेरे परिवार की जान बच गई.''

टमाटर खाकर मिटाई परिवार ने भूख

पीड़ित ने बताया कि अगर गर्मी का दिन होता तो उनका परिवार जिंदा नहीं बचता. पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि किस तरह उसने और उसके परिवार ने टमाटर खाकर भूख और प्यास मिटाई. उसने कहा कि मैंने बच्चे को टमाटर खिलाकर जिंदा रखा. कोई और पिता होता तो वो भी यही करता.  मेरी पत्नी के सिर पर हैमर गिरने वाला था मैंने किसी तरह उसकी जान बचाई. इसके बाद बिजली के पाइप के जरिए आवाज लगाई कि कोई है तो हमें यहां से निकालो. मेरी आवाज एक कर्मचारी तक पहुंची और उसने कहा कि मलबे में और लोग दबे हुए हैं.

उसने बताया कि कर्मचारियों ने हमें निकाला और कब अस्पताल लेकर आए इसका हमें होश नहीं है. बता दें कि कर्मचारियों ने राजेश, उसकी पत्नी गंगोत्री, छह साल के बेटे प्रिंस और तीन साल के बेटे रित्विक को 30 घंटे बाद मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया था. 

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