Delhi Yamuna Budget 2025: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार (25 मार्च) को दिल्ली विधानसभा में 2025-26  का बजट पेश करते हुए सबसे पहले आप सरकार की लोकप्रिय यमुना सफाई स्कीम, प्रदूषण मुक्त दिल्ली और फ्री बिजली-पानी पर हमला बोला. इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं पीएम मोदी को मिले एक-एक वोट का कर्ज चुकाऊंगी. 

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उन्होंने आगे कहा, "मैं, दिल्ली वालों की दीदी रेखा हूं. जनता के हित में यमुना को प्रदूषणमुक्त करके दिखाएंगे. यमुना को पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त करने के लिए 9,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है." 

स्वच्छ पानी और यमुना सफाई के लिए बजट

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• दिल्ली की 3 करोड़ आबादी को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है.

• जल टैंकरों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए GPS ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा और “DJB Tanker” नामक मोबाइल ऐप विकसित किया जाएगा, जिससे लोग टैंकर की स्थिति को ट्रैक कर सकेंगे.

• जल प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए ₹150 करोड़ की लागत से ऑटोमेशन, SCADA सिस्टम और इंटेलिजेंट मीटरिंग लगाई जाएगी.

• सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) की मरम्मत और विकास के लिए ₹500 करोड़, पुराने सीवर लाइनों को बदलने के लिए ₹250 करोड़ और जल शोधन संयंत्रों में सुधार के लिए ₹250 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

• दिल्ली में गंदे पानी की निकासी और शुद्धिकरण के लिए ₹250 करोड़ का बजट रखा गया है.

• जलभराव की समस्या हल करने के लिए ₹20 करोड़ की लागत से सुपर सकर और डिकी मशीनें खरीदी जाएंगी.

• वज़ीराबाद ट्रंक सीवर के नवीनीकरण के लिए ₹10 करोड़ आवंटित किए गए हैं.

यमुना की सफाई के लिए विशेष अभियान

दिल्ली सरकार ने यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए ₹500 करोड़ की लागत से 40 विकेंद्रीकृत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना बनाई है, ताकि गंदा पानी सीधे नदी में जाने से पहले शुद्ध हो सके.

• नजफगढ़ ड्रेन को साफ करने और इंटरसेप्ट करने के लिए ₹200 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया है.

• बारिश के पानी के संरक्षण के लिए ₹50 करोड़ और आपातकालीन जल भंडारण के लिए ₹150 करोड़ खर्च किए जाएंगे.

• आधुनिक मशीनों जैसे ट्रैश स्किमर, वीड हार्वेस्टर और ड्रेज यूटिलिटी खरीदने के लिए ₹40 करोड़ का बजट रखा गया है.

• हरियाणा से आने वाले खुले नहरों की जगह पाइपलाइन बिछाने के लिए ₹200 करोड़ खर्च किए जाएंगे, जिससे जल की बर्बादी रोकी जा सके.

केंद्र से मिलेगी मदद?दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से ₹2,000 करोड़ की वित्तीय सहायता की मांग की है, ताकि जल और सीवेज प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जा सके.

दिल्ली सरकार का यह बजट न केवल औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ावा देगा, बल्कि पानी और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी बड़ा कदम साबित होगा.