दिल्ली कैंट इलाके में हुए BMW एक्सीडेंट मामले में अब नए खुलासे हो रहे हैं. इस मामले की जांच के दौरान दिल्ली पुलिस ने FIR में सबूतों को नष्ट करने और छुपाने से जुड़ी धारा भी जोड़ दी है. पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 238A को FIR में शामिल कर लिया है.
पुलिस जांच में पता चला है कि हादसे के बाद घायल पीड़ित को तुरंत पास के अस्पताल ले जाने के बजाय आरोपी और उसके सहयोगियों ने लगभग 19 किलोमीटर दूर मुखर्जी नगर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया.
 
शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि यह अस्पताल आरोपी के परिचितों से जुड़ा हुआ है. इस फैसले के पीछे की मंशा को लेकर पुलिस सवाल उठा रही है. फिलहाल पुलिस ने मामले के आरोपी गगनप्रीत को जीटीबी नगर स्थित न्यूलाइफ अस्पताल से हिरासत में ले लिया है.

मामले में अब तक FIR में निम्न धाराएं दर्ज हुईं

1- BNS 105 – लापरवाही से मौत का कारण बनना 2- BNS 125B – खतरनाक तरीके से वाहन चलाना 3- BNS 281 – सड़क पर लापरवाह ड्राइविंग 4- BNS 238A – सबूतों को मिटाना या छुपाना

जांच में नया एंगल

जानकारी के अनुसार, पुलिस का कहना है कि हादसे के बाद आरोपी द्वारा उठाए गए कदमों की गहनता से जांच की जा रही है. यह भी देखा जा रहा है कि क्या सबूतों को प्रभावित करने या मामले को कमजोर करने की कोशिश की गई. गाड़ी के रूट, अस्पताल की दूरी और देरी से इलाज शुरू होने जैसी बातों को भी जांच के दायरे में शामिल किया गया है.
इसके साथ ही पीड़ित के परिजनों ने आरोप लगाया है कि आरोपी ने हादसे के बाद जानबूझकर देरी की, जिससे समय पर इलाज नहीं मिल सका. स्थानीय लोगों का कहना है कि हादसे के तुरंत बाद नजदीकी अस्पताल ले जाया जाता तो स्थिति अलग हो सकती थी.

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने घटनास्थल से मिले सबूतों को संरक्षित किया है और गाड़ी के तकनीकी पहलुओं की फॉरेंसिक जांच करवाई जा रही है. साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि आरोपी की शराब या नशे की हालत में गाड़ी चला रहा था या नहीं. पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही मामले की असली तस्वीर साफ होगी.