दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके की जांच तेजी से बढ़ रही हैं. जिसमें कई नए तथ्य सामने आए हैं जिस कार में धमाका हुआ उसमें डॉ उमर ही बैठा हुआ था इसकी पुष्टि डीएनए जांच से हो चुकी हैं. लेकिन इन तमाम तथ्यों के साथ इस धमाके को लेकर चार अहम सवाल उठ रहे हैं.
जांच टीम अब ये जानने की कोशिश में जुट गई हैं कि कि धमाके के लिए लाल के व्यस्त चौराहे को ही क्यों चुना गया. धमाके वाले कार में विस्फोटक क्या पीछे की ओर था या कार के बोनट में रखा गया था. क्या ये धमाका सोच समझकर किया गया या फिर घबराकर हुआ एक्सीडेंट था?
लाल किले के पास ही धमाका क्यों?
सीसीटीवी फुटेज को देखा जाए तो डॉ उमर सुबह ही धमाके वाली i20 कार को लेकर दिल्ली में घुस चुका था, जिसमें को कई घंटों तक दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में धूमता रहा. इस बीत ये कार तीन घंटे से ज्यादा समय तक सुनहरी मस्जिद के पास पार्किंग में खड़ी रही.
माना जा रहा है कि डॉ उमर के निशाने पर चांदनी चौक जैसे भीड़भाड़ वाला इलाका और आसपास के मंदिर हो सकते हैं. जांचकर्ताओं का कहना है कि हो सकता है कि उमर ने मंदिर के पास गाड़ी रोकी हो लेकिन नो पार्किंग ज़ोन होने की वजह से उसे आगे बढ़ना पड़ा और वो रेड लाइट के पास पहुंच गया.
ये धमाका अचानक हुआ या पहले से थी प्लानिंग?
जाँच एजेंसियों के लिए एक और अहम सवाल ये हैं कि ये धमाका आकस्मिक हुआ या फिर ये सोची-समझी प्लानिंग का नतीजा था. जाँच अधिकारी तीन एंगल से इसका जवाब तलाश कर रहे हैं पहली ये कि ये सोची समझी योजना थी, दूसरा डॉ उमर ने घबराकर इसे अंजाम दिया और तीसरा ये कि किसी अस्थिर उपकरण की वजह से आकस्मिक धमाका हो गया.
कार का बोनट थोड़ा सा खुला क्यों था?
धमाके वाली कार के दिल्ली की अलग-अलग जगहों से सीसीटीवी सामने आए है जिसमें कार सामान्य दिख रही हैं. रविवार के वीडियो में कार को बोनट एकदम ठीक है लेकिन धमाके से पहले जब उमर ने कार को बाहर निकाला तो बोनट थोड़ा सा खुला दिख रहा है. जांच एजेंसियों का मानना है हो सकता है कि विस्फोटक बोनट में छिपाया गया हो. फोरेंसिक टीम को बोनट के नीचे अमोनियम नाइट्रेट के अंश मिले हैं.
क्या कार में उमर के साथ कोई और था?
शुरुआत में इस तरह की बातें सामने आ रही थी कार में दो लोग थे लेकिन अब तक मिले सबूत से साफ़ होता है धमाके के समय कार में सिर्फ डॉ उमर ही था. जबकि 29 अक्टूबर को फरीदाबाद में उसे दो अज्ञात लोगों के साथ देखा गया था. पुलिस जांच कर रही है कि क्या उन्होंने बम बनाने या ले जाने में उन्होंने भी उसकी मदद की.