इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा, “भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. उनका बलिदान आज भी हमें अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने और देशभक्ति के मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देता है. आज लोकतंत्र की जो मजबूत नींव देश में बनी है, वह इन्हीं शहीदों के बलिदान पर टिकी हुई है.”
देश के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेवदिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि भगत सिंह और उनके साथियों ने जिस निडरता से ब्रिटिश हुकूमत का सामना किया, वह आज भी हमें संघर्ष करने की प्रेरणा देता है. उन्होंने कहा, “यदि तीन युवा अपने संकल्प और साहस से पूरे दमनकारी शासन को हिला सकते हैं, तो आज की युवा पीढ़ी भी इनके आदर्शों पर चलकर देश को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है.”
उन्होंने कहा कि भगत सिंह का विचार केवल आज़ादी तक सीमित नहीं था, बल्कि वे एक ऐसे समाज की कल्पना करते थे जहां समानता, न्याय और भाईचारा हो.
देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते दी थी शहादतशहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने 23 मार्च 1931 को ब्रिटिश सरकार के खिलाफ संघर्ष करते हुए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूमा था. इन क्रांतिकारियों का बलिदान भारत की आजादी की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ.
भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के लायलपुर जिले (अब पाकिस्तान में) में हुआ था. कम उम्र में ही वे आजादी की लड़ाई में कूद पड़े. साइमन कमीशन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन सांडर्स की हत्या और दिल्ली विधानसभा में बम फेंकने की घटना ने उन्हें ब्रिटिश सरकार की नजर में सबसे बड़ा दुश्मन बना दिया.
दिल्ली विधानसभा में देशभक्ति का माहौलशहीदी दिवस के इस अवसर पर विधानसभा परिसर में देशaभक्ति की भावना चरम पर थी. हर कोई इन वीर सपूतों के बलिदान को नमन कर रहा था. इस कार्यक्रम में उपस्थित स्वतंत्रता सेनानियों ने भी अपने विचार रखे और बताया कि कैसे भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने अपने विचारों से लाखों युवाओं को प्रेरित किया.
विधानसभा अध्यक्ष गुप्ता ने कहा कि देश को स्वतंत्रता दिलाने वाले इन नायकों को याद रखना और उनके विचारों को आगे बढ़ाना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
शहीदी दिवस का यह आयोजन केवल एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि यह देश के महान क्रांतिकारियों की याद में संकल्प लेने का दिन था. इस अवसर पर सभी ने यह प्रण लिया कि शहीदों के सपनों का भारत बनाने के लिए ईमानदारी और निष्ठा से काम करेंगे.
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