Delhi Vidhan Sabha Satra: दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही के दौरान बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता (Vijender Gupta) ने कहा, 'अध्यक्ष महोदया मैं रोहिणी के लोगों के साथ हो रहे अन्याय की ओर आपका ध्यान दिलाना चाहता हूं. मेरे रोहिणी ग्रामसभा के लगभग एक लाख लोग निम्न आय वर्ग के हैं या तो आर्थिक रूप से बेदद कमजोर हैं. ऐसे में इस क्षेत्र का दुर्भाग्य देखिए कि, इतनी बड़ी आबादी में एक भी सरकारी स्कूल नहीं है. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए डीडीए द्वारा दिल्ली सरकार को 2 एकड़ जमीन दिलवाई गई और पांच छह साल में वहां स्कूल की बिल्डिंग बनकर तैयार हुई. स्कूल बनने के बाद वहां के लोगों में उत्साह था कि, अब तक यहां एक भी सरकारी स्कूल नहीं था, लेकिन अब लगभग 2500 बच्चों के लिए एक स्कूल बनकर तैयार हो गया है.'


'पीछे के रास्ते से निकले CM'


गुप्ता ने आगे कहा, 'ऐसे में गरीब लोगों को उम्मीद थी कि, उनके बच्चों को इस स्कूल में एडमिशन मिलेगा, लेकिन स्कूल तैयार होने के बाद दिल्ली सरकार की ओर बोर्ड लगा दिया गया कि यहां क्षेत्रीय बच्चों को एडमिशन की व्यवस्था नहीं है. इसके बाद लोगों में इसको लेकर बहुत आक्रोश देखने को मिला. लोग लगातर इस मामले को लेकर प्रोटेस्टट कर रहे हैं. यहां तक जब सीएम अरविंद केजरीवाल स्कूल का उद्घाटन करने गए तो वहां के लोगों ने जबरदस्त विरोध किया जिसके कारण सीएम केजरीवाल को पीछे के रास्ते से निकल कर जाना पड़ा. मैं सदन के माध्यम से ये कहना चाहता हूं कि बच्चों का अधिकार न छीना जाए. मुझे मिली जानकारी के अनुसार 2500 की क्षमता वाले स्कूल में सिर्फ 100 बच्चे पढ़ रहे हैं. ऐसे में क्षेत्रीय लोगों की पीड़ा और बढ़ रही है कि, स्कूल होते हुए भी उनके बच्चों को एडमिशन नहीं मिल रहा है.'


सीएम ने साधा पीएम पर निशाना


बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मणिपुर हिंसा के मसले पर गुरुवार को दिल्ली विधानसभा में पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोला था. दिल्ली के सीएम ने कहा था कि मणिपुर में पिछले तीन माह के दौरान 6500 एफआईआर हुए, 4 हजार लोगों के घर जला दिए गए. 60 हजार से अधिक मणिपुर के लोग बेघर हुए. 150 से अधिक लोगों की अब तक मौत हुई हैं. 350 धार्मिक स्थलों को जलाया गया. इसके बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप हैं. मणिपुर घटना को लेकर पूरी दुनिया में भारत की बदनामी हुई है. आखिर में इस देश में इतनी हिंसा क्यों? सोशल मीडिया पर महिलाओं को निर्वस्त्र कर वीडियो वायरल होना पूरे देश को शर्मसार करने वाला था. पिछले 9 सालों में देश कई बार बुरे दौर से गुजरा है. ऐसे मौकों पर देशवासियों ने खुद को बेसहारा महसूस किया. ऐसा इसलिए कि जब-जब देश में आपदा आई प्रधानमंत्री चुप रहे. 


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