Delhi Election 2025: हवा में झूलते पानी के पाइप, बिजली के तार, पढ़ें बिजवासन विधानसभा की ग्राउंड रिपोर्ट
Delhi Assembly Election 2025: बिजवासन विधानसभा क्षेत्र के काराशेडा वार्ड में हालात गांव से भी खराब हैं. हवा में झूलते पानी के पाइप और बिजली के तारों के जाल में यहां लोगों की जिंदगी फंसी है.

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली में चुनाव से ठीक पहले बिजवासन विधानसभा क्षेत्र में जनता को मिलने वाली सुविधाओं की पड़ताल की गई. इस क्षेत्र के काराशेडा वार्ड में स्थिति काफी खराब नजर आई. एबीपी न्यूज ने ग्राउंड पर जाकर जायजा लिया, जिसमें लोगों की समस्याओं का पता चला. कहने के लिए तो ये इलाका देश की राष्ट्रीय राजधानी का हिस्सा है लेकिन हालात गंभीर हैं.
हवा में झूलते पानी पाइप और बिजली के तारों के जाल में यहां लोगों की जिंदगी फंसी है. जमीन के नीचे से जाने वाले तार और पाइप यहां हवा में लटके मिले. हवा में झूलते इन पाइपों के जरिए पानी की सप्लाई की जाती है, जिसके लिए यहां के निवासियों को पैसे देना पड़ते हैं.
पीने का पानी एक रुपये प्रति लीटर!
पीने के पानी तक की यहां किल्लत है. एक रूपये प्रति लीटर पीने का पानी और बारह पैसे प्रति लीटर नहाने या कपड़े धोने के लिए पानी मिलता है. ये कहानी एक दशक से ज्यादा पुरानी है. इस इलाके में हर घर, हर गली, हर किराएदार और हर मकान मालिक की यही मजबूरी है. यहां रहना है तो पानी के लिए पैसे देने की मजबूरी है. एक तरह से जिंदगी नरक की तरह है. लोगों को बेसिक सुविधाएं तक मुहैया नहीं कराई जा रही है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब से वो यहां पर रह रहे हैं, पानी खरीदना पड़ता है. अगर एक परिवार में चार लोग हैं तो हर व्यक्ति को 2 सौ रुपया देने पड़ते हैं. स्थानीय निवासी फरहीन ने बताया, ''अगर मेरे घर पर पांच लोग हैं तो हमें हज़ार रुपये सिर्फ पीने का पानी खरीदने के लिए चुकाने पड़ते हैं. कपड़े धोने और बर्तन मांजने के लिए अलग पानी है, इसमें 1000 लीटर पानी का इस्तेमाल करते हैं तो सौ रुपये देने पड़ते हैं.
बिजली के खंभे के सहारे लटकते पानी के पाइप
यहां रहने वाले लोगों के लिए पानी खरीदना रोज की सब्जी खरीदने के जैसा हो गया है. बिजली के खम्बे के जरिए पानी को घरों तक सप्लाई किए जाने के कारण हर घर की छत पर पानी के पाइप गुजरते दिख जाते हैं. बिजली के खंभे के साथ लगे पाइप कभी भी खतरे की बड़ी वजह बन सकते हैं. लोगों का कहना है कि यहां सरकार की तरफ से कोई वाटर सप्लाई नहीं है, केंद्र सरकार भी कुछ नहीं देती है. हमें पानी नहीं मिलता है इसलिए खरीदना पड़ता है. लोगों का कहना है कि ये पूरा औद्योगिक इलाका है. यहां पर बिहार और यूपी के लोग बहुत सारे लोग रहते हैं. इतनी समस्या झेलने के बाद भी कोई कुछ नहीं कहता है.
इलाके में करीब 5 लाख की आबादी
स्थानीय निवासी तेजिन्दर यादव ने कहा, ''दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पानी दिया जाना चाहिए लेकिन कुछ नहीं किया जा रहा है. लगातार यहां पर 2 बार आम आदमी पार्टी के विधायक जीते हैं, हमने सबको चिट्ठी लिखी है लेकिन किसी ने कोई भी व्यवस्था नहीं की. लोगों ने यहां से विधायक भूपेंद्र सिंह जून को भी घेरा और समस्याओं को लेकर कोई सुनवाई न करने का आरोप लगाया. इस वार्ड में करीब पांच लाख आबादी है, लेकिन मात्र 20 हजार छह सौ वोटर हैं जो पूरी आबादी का महज पांच फीसदी है.
क्या नोटा पर बटन दबाएंगे लोग?
कुछ स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस इलाके में चोरी, गुंडागर्दी और शराब का धंधा भी चल रहा है. वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि यहां बीजेपी का शासन रहेगा तभी कुछ बेहतर हो पाएगा. इस बार आम आदमी पार्टी से हाल ही में बीजेपी में आए कैलाश गहलोत भी यहां से उम्मीदवार हैं. कुछ लोगों की उम्मीद टूटी दिखी और वो नोटा पर बटन दबाने की बात का जिक्र कर रहे हैं. दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग है जबकि 8 फरवरी को नतीजे घोषित होंगे.
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Source: IOCL






















