दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए BS 6 के नीचे आने वाली गाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया. राजधानी में सिर्फ BS 6 मानक वाले वाहनों को एंट्री की अनुमति दी गई है. इसके आलावा BS 3 और BS 4 की गाड़ियों की एंट्री पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. ट्रैफिक पुलिस की ओर से सख्ती से इन सभी वाहनों को दिल्ली की सीमा से ही वापस किया जा रहा है. पुलिस ने अब जनता से अपील की है.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एडिश्नल कमिश्नर दिनेश कुमार गुप्ता ने जनता से अपील की है कि वह डायरेक्शंस को पढ़ें और उसी के बाद दिल्ली के अंदर एंटर करें ताकि उनको भी परेशानी ना हो और ट्रैफिक मूवमेंट में दिक्कत ना हो अगर आप पालन करेंगे तो उसे पॉल्यूशन भी काम होगा.
इस फैसले के बाद ट्रैफिक पुलिस प्रदूषण को लेकर दी गई गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने में जुट गई है. BS 6 के नीचे वाले वाहनों को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने कड़ी व्यवस्था की है. इसको लेकर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एडिश्नल कमिश्नर दिनेश कुमार गुप्ता ने जानकारी दी है.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एडिश्नल कमिश्नर ने दी यह जानकारी
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एडिश्नल कमिश्नर दिनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि जब से ग्रैप 4 लागू करने का ऑर्डर आया है तब से तमाम बॉर्डर्स पर हमारा स्टाफ तैनात है. आर्डर के मुताबिक BS 6 के नीचे की गाड़ियों की दिल्ली के बाहर एंट्री नही है. उन्होंने बताया कि इसके लिए इंटरनल स्टाफ भी लगा हुआ है.
एडिश्नल कमिश्नर ने बताया कि मेजर इंटर सेक्शन पर पूरे स्टाफ को ब्रीफ किया गया है. उन्होंने कहा कि हम चेक कर रहे हैं कि ग्रैप 4 के जो आर्डर हैं, उनका प्रॉपर्ली इंप्लीमेंटेशन हो रहा है या नहीं. इसको लेकर निगरानी की जा रही है.
इन बॉर्डर पर लगाया गया है ज्यादा स्टाफ
ट्रैफिक पुलिस के एडिश्नल कमिश्नर ने बताया कि दिल्ली में करीब 126 बॉर्डर हैं. जिसमें 56 बॉर्डर जॉन 2 के हैं, कुछ मेजर बॉर्डर है जिनमें स्टाफ ज्यादा लगाया गया है. ट्रैफिक स्टाफ के साथ आउटसाइड फोर्स भी हमें मिली है. इसके साथ ही लोकल पुलिस भी है और ट्रांसपोर्ट की टीम भी है.
उन्होंने बताया कि हमने जो डाटा लिया है. अभी हमने 2743 PUCC के चालान किए है. वहीं ग्रैप 4 में 287 चालान हुए है. उन्होंने बताया कि लगातार ऐसे वाहनों के खिलाफ प्रॉपर एक्शन हो रहा है. जनता से अपील है कि वह डायरेक्शंस को पढ़ें और उसी के बाद दिल्ली के अंदर एंट्री करें ताकि उनको भी परेशानी ना हो और ट्रैफिक मूवमेंट में दिक्कत ना हो. उन्होंने कहा कि अगर आप पालन करेंगे तो उससे प्रदूषण भी कम होगा.