दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को देखते हुए कक्षा 10वीं और 12वीं के फिजिलक क्लास भी बंद रहेंगे. दिल्ली की सीएम आतिशी ने इसकी घोषणा की. ये मंगलवार (19 नवंबर) से ही लागू होगा. 10वीं-12वीं  के क्लास ऑनलाइन चलेंगे. दिल्ली में जीआरएपी का चौथा चरण लागू कर दिया गया. इसके तहत पहले 10वीं और 12वीं को छोड़कर सभी स्कूलों के फिजिकल क्लास बंद कर दिए गए थे. लेकिन अब 10वीं और 12वीं के भी क्लास ऑनलाइन ही चलेंगे.

दिल्ली में रविवार को ग्रैप का स्टेज-4 लागू किया गया. राजधानी में प्रदूषण का स्तर ‘अति गंभीर’ श्रेणी को पार कर चुका है.  प्रदूषण की गंभीर स्थिति से निपटने के लिए किये जा रहे विभिन्न उपायों के तहत ही दिल्ली सरकार ने स्कूलों को बंद रखने और छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का आदेश दिया है.  

सोमवार को प्रदूषण का स्तर इस सीजन की सबसे खराब स्थिति में पहुंच गई है. ऐसे में एक्सपर्ट्स ने स्वास्थ्य जोखिमों को लेकर चिंता जताई है. डॉक्टर्स ने लोगों को बाहरी गतिविधियों को सीमित करने, शरीर में पर्याप्त तरल पदार्थ सुनिश्चित करने और घर के अंदर ठोस कण के स्तर को कम करने के लिए एचईपीए फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने की सलाह दी है. उन्होंने सलाह दी है कि पहले से ही फेफड़े या हृदय संबंधी समस्या का सामना कर रहे लोग सतर्क रहें और अपनी दवाएं लेते रहें. 

दिल्ली की एयर क्वालिटी सोमवार को बहुत अधिक खराब हो गई और द्वारका, मुंडका और नजफगढ़ जैसे क्षेत्रों में दोपहर के समय अधिकतम वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 500 दर्ज किया गया. राष्ट्रीय राजधानी में धुंध की घनी चादर छाने से लोगों ने खुजली और आंखों से पानी आने की शिकायत की. 

सोमवार को सुबह आठ बजे यहां का एक्यूआई 484 दर्ज किया गया. एक्यूआई इस मौसम में अब तक के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दोपहर दो बजे तक एक्यूआई 491 दर्ज किया गया. गुरु तेग बहादुर अस्पताल में सामुदायिक चिकित्सा के रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. रजत शर्मा ने कहा, ‘‘प्रदूषण के इस स्तर पर, एन95 मास्क पहनना एक विकल्प नहीं बल्कि एक आवश्यकता है. यहां तक ​​कि स्वस्थ व्यक्ति भी श्वसन संबंधी बीमारियों का शिकार हो सकते हैं और अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं का सामना कर सकते हैं.’’ (पीटीआई इनपुट के साथ)

दिल्ली की 'जहरीली' धुंध, 21 जगहों पर PM10 का स्तर एक हजार के पार