AIIMS Delhi Server Hack: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की आईएफएसओ (IFSO) यूनिट ने एम्स सर्वर हैक मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. साथ ही इस मामले को लेकर एम्स दिल्ली की तरफ से कहा गया है कि विभिन्न सरकारी एजेंसियां घटना की जांच कर रही हैं और डिजिटल रोगी देखभाल सेवाओं को वापस लाने में अस्पताल की मदद कर रही है. एम्स के सर्वर को बुधवार को हैक कर लिया गया था. ऐसे में एम्स की सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित रही थीं.
एम्स की ओपीडी और आइपीडी में आने वाले मरीजों के इलाज में परेशानी हुई. इस बीच सर्वर डाउन होने की वजह से एम्स ने गुरुवार को मैन्युअल प्रवेश के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. नए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार सर्वर के ठीक होने तक मरीजों का प्रवेश, डिस्चार्ज और स्थानांतरण मैन्युअल रूप से किया जाएगा. नए एसओपी के तहत एम्स प्रशासन ने कहा है कि विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान (यूएचआईडी) नहीं होने की स्थिति में संपर्क नंबर को रोगी पहचान संख्या माना जाएगा.
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बुधवार को सुबह 7 बजे से डाउन हुआ था एम्स का सर्वरएम्स की ओर से कहा गया है कि अस्पताल में भर्ती, डिस्चार्ज और स्थानांतरण मैन्युअल रूप से किया जाएगा. इंडेंट मैन्युअल रूप से किया जाना है. एम्स प्रशासन ने कहा कि कार्यसमिति के निर्देशानुसार मृत्यु या जन्म प्रमाण पत्र मैन्युअल रूप से प्रपत्रों पर बनाए जाएंगे. साथ ही सिर्फ जरूरी सैंपल ही भेजे जाएं और वह भी भरे हुए फॉर्म के साथ. कार्यसमिति के निदेर्शानुसार केवल अति आवश्यक जांच प्रपत्रों के साथ भिजवाना है. गौरतलब है कि बुधवार को एम्स ने सूचित किया था कि उसका सर्वर सुबह 7 बजे से आउट पेशेंट विभाग और नमूना संग्रह सेवाओं को प्रभावित कर रहा है.
एम्स और एनआईसी ने अब सावधानी बरतने की कही बातएम्स ने एक बयान में कहा था. "आज एम्स दिल्ली में उपयोग किए जा रहे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के ई-अस्पताल का सर्वर डाउन हो गया, जिसके कारण स्मार्ट लैब, बिलिंग, रिपोर्ट जनरेशन, अपॉइंटमेंट सिस्टम आदि सहित आउट पेशेंट और इनपेशेंट डिजिटल अस्पताल सेवाएं प्रभावित हुई हैं. अस्पताल ने कहा था, "डिजिटल सेवाओं को बहाल करने के उपाय किए जा रहे हैं और भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) से मदद मांगी जा रही है. भविष्य में इस तरह के हमलों को रोकने के लिए यह कहते हुए कि एम्स और एनआईसी भविष्य में इस तरह के हमलों को रोकने के लिए उचित सावधानी बरतेंगे."