Delhi Advocates Strike: प्रस्तावित एडवोकेट अमेंडमेंट बिल, 2025 के खिलाफ वकीलों का देशभर में विरोध को देखते हुए केंद्र सरकार बिल पर पुनर्विचार के लिए तैयार हो गई है. सरकार के आश्वासन के बाद दिल्ली की जिला अदालत में सोमवार से चल रही हड़ताल खत्म हो गई है. 

पिछले सोमवार से हड़ताल पर बैठे हुए तमाम दिल्ली बार एसोसिएशन के वकीलों के द्वारा सरकार के इस फैसले का स्वागत किया गया. दिल्ली के जिला अदालत में पिछले एक हफ्ते से बिल के विरोध में हड़ताल कर रहे वकीलों ने कहा कि सरकार के द्वारा उठाया गया यह बेहतर कदम है. दिल्ली डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ने सरकार के द्वारा इस पहल का स्वागत किया है. वही दिल्ली ऑल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बार एसोसिएशन ने आधिकारिक पत्र जारी कर 24 फरवरी 2025 से सभी वकीलों को दोबारा काम शुरू करने का आग्रह किया है. 

पूरे भारत के वकीलों ने किया बिल का विरोधइस बिल के होने वाले संशोधन में वकीलों के आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है, साथ ही इस बिल में हमारे संगठन के पावर को कम करने की कोशिश की जा रही है. इस पूरे एक्ट में होने वाले संशोधन के विरोध में न केवल दिल्ली बल्कि पूरे भारत के वकील एकजुट है. 

क्यों हो रहा है बिल पर विवाद?हालाकि इस संशोधन विधेयक की सबसे विवादास्पद धारा 35A है जिसमें कहा गया है जिसमें कि कोई भी अधिवक्ता संघ या उसके सदस्य या कोई भी वकील व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से कोर्ट के कार्य का बहिष्कार करने या उससे दूर रहने का आह्वान नहीं कर सकता, न ही किसी भी प्रकार से अदालत के कामकाज में बाधा डाल सकता है या अदालत परिसर में कोई अवरोध उत्पन्न कर सकता है. इस प्रावधान के तहत वकीलों द्वारा हड़ताल और बहिष्कार करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जा रहा है जबकि यह पारंपरिक रूप से उनकी मांगें उठाने का एक महत्वपूर्ण साधन रहा है.

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