Mustafabad Name Change: दिल्ली विधानसभा में बीजेपी विधायक मोहन सिंह बिष्ट मुस्तफाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव पेश कर सकते हैं. ऐसे में इस मामले को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है. आम आदमी पार्टी (आप) विधायक जुबैर अहमद ने कहा कि नाम बदलने से अगर किसी जगह का विकास होता है तो नाम बदल लें.
मुस्तफाबाद से बीजेपी विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, "मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलने के लिए मेरे द्वारा प्रस्ताव लाया गया है. 1998 से 2008 के बीच जब मैं विधायक था, तब इस क्षेत्र का नाम करावल नगर था. मुस्तफाबाद का नाम किसी धार्मिक गुरु के नाम पर नहीं रखा गया है. यहां मुस्तफा नाम का एक प्रॉपर्टी डीलर हुआ करता था, जिसने कुछ राजनीतिक लोगों के साथ मिलकर मेरे दूसरे निर्वाचन क्षेत्र में जाने के बाद इस क्षेत्र का नाम बदलकर मुस्तफाबाद रख दिया." बिष्ट एक अप्रैल को प्रस्ताव पेश कर सकते हैं.
मोहन सिंह बिष्ट ने क्या कहा?उन्होंने आगे कहा, "आज हर कोई मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलकर शिव विहार करने की मांग कर रहा है. लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए मंदिरों के पास अवैध मीट की दुकानें बंद कर दी जानी चाहिए. खासकर नवरात्रि के दौरान तो दुकानों को बंद किया जाना ही चाहिए."
नाम बदलने से कोई फायदा नहीं- AAP विधायक मुस्तफाबाद का नाम बदलने के प्रस्ताव पर आप विधायक जुबैर अहमद ने कहा, "नाम बदलने से अगर किसी जगह का विकास होता है तो नाम बदल लें. नाम बदलकर इटली रख दें या पेरिस रख दें क्या फर्क पड़ता है. नाम बदलने से उस जगह की तस्वीर नहीं बदलने वाली. अगर कुछ करना ही है तो मुस्तफाबाद को 100-200 करोड़ का बजट दे दीजिए और फिर वहां विकास कार्य का काम कीजिए फिर कोई फायदा भी है."
AAP करेगी विरोधउन्होंने कहा, "हम विपक्ष में रह कर इसका विरोध जरूर करेंगे. नाम बदलने से लोगों को परेशानी होती है. आधार कार्ड में नाम बदलना, राशन कार्ड में नाम बदलना इन सब चीजों के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ेगा, जनता परेशान होगी. लोगों को अगर परेशानी होगी तो हम इसका विरोध करेंगे."
वहीं आप विधायक अनिल झा वत्स ने कहा, "आप एक योजना लाइए 'दीनदयाल उपाध्याय हथौड़ा योजना' और जितने भी मॉन्यूमेंट दिल्ली में है सब पर हथौड़ा चला दो, दिल्ली विधानसभा भी अंग्रेजों ने बनाया है इसको भी तोड़ दो. मोहन सिंह विष्ट से आपका नाम चिंटू सिंह, पिंकू, रिंकू कर देगें तो उससे क्या होगा? आप काम करना नहीं चाहते और केवल नाम बदलने पर आपका फोकस है."