Delhi News: दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में मुस्तफाबाद विधानसभा से जीतकर आए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ट ने इलाके का नाम बलदने की मांग की है. उन्होंने इसकी जगह 'शिवपुरी' या 'शिव विहार' नाम सुझाया है. ऐसे में बीजेपी नेता के इस बयान से सियासी घमासान मच गया है. इस बीच आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक हाजी यूनुस ने कहा कि जब तक वे जिंदा हैं ऐसा नहीं होने देंगे.
मोहन बिष्ट के बयान पर हाजी यूनुस ने पलटवार करते हुए कहा, "यहां 42 फीसदी नहीं, इस बार यहां 48.9 प्रतिशत मुस्लिम हैं. उनको अपनी जानकारी दुरुस्त करनी चाहिए. वोटर लिस्ट देख लेनी चाहिए कि कितने मुसलमान हैं. पूर्व विधायक ने कहा कि मुस्तफाबाद का नाम मुस्तफाबाद ही रहेगा, वह कितना भी चाह लें यह नहीं बदला जाएगा."
मुस्तफाबाद की अवाम ने चूड़ियां नहीं पहनीं-हाजी यूनुसहाजी यूनुस ने एक वीडियो शेयर कर कहा, "जब तक मैं जिंदा हूं, मुस्तफाबाद का नाम नहीं बदला जाएगा. अगर उन्हें इतनी फिक्र थी तो एमसीडी इलेक्शन से पहले एलजी साहब ने शिव विहार का नाम बदलकर ईस्ट करावल नगर कर दिया. वे शिव विहार का नाम तो बचा नहीं सके, मुस्तफाबाद का नाम क्या बदलेंगे. अभी मुस्तफाबाद की अवाम ने चूड़ियां नहीं पहनी हैं. ऐसे कैसे नाम बदल जाएगा."
आप नेता आगे कहा कि 2026 में परिसीमन हो रहा है. विधानसभा की सीटें बढ़ेगी, ऐसे में अगर वे चाहे तो ईस्ट करावल नगर का नाम शिवपुरी रखें या कुछ भी रखें. लेकिन मुस्तफाबाद का नाम मुस्तफाबाद ही रहेगा.
बीजेपी नेता मोहन बिष्ट ने क्या कहा?बता दें मोहन सिंह बिष्ट ने रविवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि एक तरफ 58 फीसदी लोग हैं, दूसरी तरफ 42 फीसदी लोग हैं. विधानसभा का नाम 42 फीसदी वाले लोगों की पसंद का कैसे हो सकता है? यह 58 फीसदी लोगों के साथ अन्याय है. उन्होंने कहा कि यह उन बहुसंख्यक लोगों के साथ अन्याय है. मैं इस विधानसभा का नाम बहुसंख्यकों के नाम पर करवाऊंगा.
विधानसभा के गठन के बाद जैसे ही पहला सत्र चालू होगा, वैसे ही मैं यह प्रस्ताव लाऊंगा कि मुस्तफाबाद विधानसभा का नाम बदलकर शिवपुरी या शिव विहार विधानसभा रखा जाएगा. बता दें मोहन सिंह बिष्ट 1998 में करावल नगर से पहली बार विधानसभा चुनाव जीता था और 2015 तक इस सीट पर विधायक रहे. हालांकि, 2015 में आप के टिकट पर लड़ रहे कपिल मिश्रा ने उन्हें हराया था. साल 2020 में बिष्ट ने कपिल मिश्रा को हराकर वापसी की.
BJP ने बिष्ट को भेजा था दूसरी सीट परकरावल नगर के मतदाता कपिल मिश्रा के हिंदुत्व वाली छवि की तरफ अधिक आकर्षित थे, जिसके कारण पार्टी ने बिष्ट को दूसरी सीट पर भेजने का फैसला किया. बिष्ट ने इस निर्णय को गलत बताया, लेकिन बाद में उन्हें मुस्तफाबाद से चुनाव लड़ने के लिए भेजा गया. बिष्ट के जनता से नजदीकी संबंध थे और उनकी स्थानीय मुद्दों को उठाने और विकास कार्यों में भूमिका की सराहना की जाती है. हालांकि, 2020 में उन्हें विवादों का भी सामना करना पड़ा, जब एक महिला ने उन पर दिल्ली दंगों के दौरान भीड़ का नेतृत्व करने और उसकी दुकान जलाने का आरोप लगाया.