DDMA Meet on Earthquake: दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने 18 मार्च को फैसला​ लिया गया कि तुर्की (Turkey) और सीरिया में भूकंप (Earthquake) जैसी स्थितियों से निपटने के लिए दिल्ली को अन्य राज्यों की तरह राज्य आपदा राहत बल (SDRF) तैयार करने की जरूरत है. दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना की अध्यक्षता और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया. इस दौरान डीडीएमए ने शहर में एच3एन2, एच1एन1 फ्लू और कोविड की स्थिति की भी समीक्षा की. इस बैठक में मुख्य रूप से एलजी, सीएम और अन्य संबंधित अधिकारियों ने भारत के भूकंपीय मानचित्र पर 'उच्च क्षति जोखिम क्षेत्र IV' के तहत शहर की तैयारियों का जायजा लेने से पहले तुर्की और सीरिया में भूकंप पर चर्चा की.

डीडीएमए (DDMA) की बैठक में एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि दिल्ली में आवास पैटर्न बिल्डिंग कोड के अनुसार नहीं हैं. अधिकांश भवन उच्च तीव्रता के भूकंप के झटकों को झेलने की काबिल नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कॉलोनियों की गलियां और सड़कें बेहद संकीर्ण हैं. तुर्की की तरह भूकंप आने पर उत्पन्न आपदाओं के मामलों में लोगों और वाहनों की आवाजाही लगभग असंभव जैसा होगा. एलजी ने सभी स्कूलों, अस्पतालों, पुलिस स्टेशनों, अन्य महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों और विशेष रूप से 'विशेष क्षेत्र' और पुरानी दिल्ली के इलाकों में भूकंपरोधी भवन कोड के अनुसार रेट्रोफिटिंग करने का आह्वा किया. 

राहत कार्यों के लिए खुले स्थान पहले से हों तय

एलजी वीके सक्सेना ने भूकंप की स्थिति में बचाव कार्यों के लिए दिल्लीभर में खुली जगहों की पहचान करने, आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए हर जिले और उप-मंडल के स्तर पर अस्पतालों और एंबुलेंस, फायर टेंडर और बचाव के लिए पहुंच सुनिश्चित करने के लिए संकरी गलियों और उपमार्गों को चौड़ा करने का आह्वान किया. ताकि आपात स्थिति में राहत दल जरूरतमंदों तक पहुंच सके. 

SDRF के गठन पर जोर

वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल ने आपदाओं के न्यूनीकरण और उनके बाद के प्रभावों के संबंध में समय-समय पर गठित विभिन्न समितियों की सिफारिशों को संकलन और उस पर प्रभावी अमल पर जोर दिया. सीएम केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय और पुलिस मुख्यालय जैसे सरकारी कार्यालयों को रेट्रोफिटिंग के जरिए भूकंपरोधी बनाने की जरूरत पर भी जोर दिया. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अन्य राज्यों की तरह राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) को जल्द से जल्द स्थापित किया जाए, जो फिलहाल दिल्ली के पास नहीं है.

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