दिल्ली वालों को जल्द ही शहर से बाहर गए बिना ही हाउसबोट में मीटिंग, कॉन्फ्रेंस और डिनर करने का मौका मिलने वाला है. दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) बांसेरा (Baansera) में बनने वाले हाउसबोट कन्वेंशन सेंटर के लिए जल्द ही टेंडर जारी करने जा रहा है. 

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यह अनोखा प्रोजेक्ट उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की उस पहल का हिस्सा है, जिसका मकसद यमुना के बाढ़ क्षेत्र को लोगों के लिए एक खूबसूरत सार्वजनिक स्थल के रूप में विकसित करना है. LG लगातार कोशिश कर रहे हैं कि लोग यमुना नदी के नजदीक आएं, नदी से जुड़ाव बढ़े और वे इसकी सफाई व पुनर्जीवन में सीधे भागीदार बनें. 

इतने दिनों में तैयार हो जाएगा प्रोजेक्ट

जानकारी के मुताबिक ठेका मिलने के बाद 180 दिनों के भीतर पूरा प्रोजेक्ट तैयार कर दिया जाएगा. यानी मई-जून 2026 तक दिल्ली को यह विशेष हाउसबोट सुविधा मिलने की उम्मीद है. खास बात यह है कि यह पूरा स्ट्रक्चर बायोडिग्रेडेबल लकड़ी से बनाया जाएगा.  

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इसमें पाइलिंग भी लकड़ी की होगी, यानी इसमें कंक्रीट या स्टील का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, ताकि यमुना फ्लडप्लेन के प्राकृतिक पर्यावरण पर कोई असर न पड़े. 

4 स्तरों में बनेगी हाउसबोट

करीब 9 मीटर ऊंची यह हाउसबोट ग्राउंड, लोअर, मिडिल और अपर कुल 4 स्तरों में बनेगी. इसमें अलग-अलग किस्म की लकड़ी इस्तेमाल होगी. जिसमें नींव में देवदार, ऊपर की संरचना में सीडर, दीवारों और छत के पैनल में चिनार लकड़ी और खिड़कियों पर कश्मीरी शैली की नक्काशी की जाएगी.

रैलिंग, मेहराब, कॉलम और बाहर की दीवारें फारसी (Persian) स्टाइल में बारीक नक्काशी से सजाई जाएंगी. कहा जा रहा है कि कश्मीर के कुशल कारीगर इस काम को तैयार करेंगे, ताकि डिजाइन में पारंपरिक कारीगरी की झलक साफ दिखे.

हाउसबोट को जमीन पर फिक्स किया जाएगा

हाउसबोट को जमीन पर स्थायी तौर पर फिक्स किया जाएगा, यानी यह पानी में तैरेगी नहीं बल्कि इसके अंदर होगा. इसमें 15-20 लोगों की मीटिंग स्पेस, रिसेप्शन और वेटिंग लाउंज, डाइनिंग एरिया व पैंट्री, गैलरी स्पेस के साथ फायर-रेसिस्टेंट दीवारें और दरवाजे और इंजीनियर्ड वुड का फर्श बनाया जाएगा.

लकड़ी को खास तरीके से डिजाइन किया जाएगा ताकि वह मौसम के प्रभाव में खराब न हो. जोड़ (joints) प्राकृतिक राल और मौसम-रोधी सीलेंट से बंद किए जाएंगे, जिससे पूरी संरचना 50 साल तक टिक सके.

बांसेरा क्षेत्र पिछले कुछ समय से यमुना फ्रंट के विकास का केंद्र रहा है. यहां पहले ही सैकड़ों पेड़ों का 'बांस जंगल', योगा स्पेस, वॉकवे और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए निर्धारित जगहें बनाई जा चुकी हैं. हाउसबोट कन्वेंशन सेंटर आने के बाद यह इलाका दिल्ली का नया पर्यटन और सांस्कृतिक केंद्र बन सकता है.