Delhi Lok Sabha Elections 2024: दिल्ली की सभी सात सीटों पर लोकसभा चुनाव के तहत 25 मई को डाले जाएंगे. इनमें बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट जिसे अब उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा के नाम से जाना जाता है. इस सीट से अभी तक सबसे ज्यादा मत हासिल करने का रिकॉर्ड कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के नाम है. आज भी यह रिकॉर्ड उन्हीं के नाम है. उन्होंने दिल्ली के पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी के सीटिंग एमपी और पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा को हराया था.  


कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को संजय गांधी के भरोसेमंद नेताओं में शुमार थे. लोकसभा चुनाव 2004 में उन्हें बाहरी दिल्ली संसदीय सीट पर 8.55 लाख मत मिले थे, जो इस सीट पर सबसे ज्यादा अब तक का रिकॉर्ड है. इसे अभी तक कोई नहीं तोड़ पाया था. साल 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी और पंजाबी गायक हंसराज हंस को उत्तर-पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट पर 8.48 लाख वोट मिले. वह सज्जन के रिकॉर्ड की करीब पहुंचने वाले सांसद हैं, लेकिन वो भी उनके रिकॉर्ड को तोड़ नहीं पाए. 


2009 में बदल गया बाहरी दिल्ली सीट का नाम 


बाहरी दिल्ली संसदीय सीट को 2009 से उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के नाम से जाना जाता है. परिसीमन के तहत इस सीट का नाम बदला था. परिसीमन के बाद पहली बार इस सीट पर साल 2009 में चुनाव हुआ था. उस दौर में यह सीट राजधानी का सबसे बड़ा संसदीय क्षेत्र में शुमार हुआ करता था. इसमें में उस समय कुल मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक 33.68 लाख थी. 2004 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सज्जन कुमार ने यहां से 8.55 लाख मत प्राप्त किए थे। इतने मत आज तक किसी को भी नहीं मिले. 


इस चुनाव में केवल 46.13 प्रतिशत मतदाताओं ने ही अपने मत का प्रयोग किया था. बीजेपी उम्मीदवार व पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा को 6,31,753 वोट मिले थे. बाहरी दिल्ली यानी उत्तर पश्चिम दिल्ली संसदीय सीट मूल रूप से 1952 में हुए देश के पहले लोकसभा चुनाव में ही अस्तित्व में आ गया था. 


2019 में बीजेपी प्रत्याशी हंसराज हंस मामूली अंतर से रिकार्ड तोड़ने से चूक गए थे. वह रिकार्ड भले ही न तोड़ सके थे, लेकिन कुल मतदाताओं की संख्या व प्राप्त मत के अनुपात देखें तो उनका प्रदर्शन सज्जन कुमार से बेहतर रहा. हंसराज हंस ने लोकसभा क्षेत्र के 23 लाख मतदाताओं में से 8,48,663 मत प्राप्त किए थे, जबकि सज्जन कुमार ने 33.68 लाख मतदाताओं में से 8,55,543 मत प्राप्त किए थे. 


कौन हैं सज्जन कुमार


दरअसल, सज्जन कुमार दिल्ली के रहने वाले हैं. उन्होंने 1977 में पहली बार दिल्ली नगर निगम का चुनाव जीता था. 1984 के सिख विरोधी दंगों में उनका नाम आने के बाद से वह लगातार दशकों तक चर्चा में रहे. उनपर एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 2018 में निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी करार दिया था. अदालत ने सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा और पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया. जबकि निचली अदालत ने सज्जन कुमार को सभी आरोपों से बरी कर दिया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को हत्या, साजिश, दंगा भड़काने और भड़काऊ भाषण देने का दोषी पाया था. वह संजय गांधी के करीबी नेता थे. साल 1980, 1991 और 2004 में वह लोकसभा चुनाव जीते थे. 


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