Delhi News: ​दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि भारतीय जनता पार्टी वाले ईडी और सीबीआई हमारी सरकार को डरा रहे हैं. वे लोग दिल्ली के 10 लाख लोगों के हित में लाए गए पानी बिल समायोजना को लागू नहीं कर रहे हैं.


दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा, 'राजधानी के लोगों के पानी के गलत बिल आ रहे हैं. उसको ठीक करने के लिए सत्ता पक्ष कह रहा है कि बिल ठीक होने चाहिए. जबकि विपक्ष का रहा है कि बिल ठीक नहीं होने चाहिए. यह दिल्ली को लेकर बड़ी विसंगति है. दिल्ली खाने को तो आधा राज्य है, लेकिन मेरे हिसाब से 5 परसेंट भी राज्य नहीं है.' 






पूर्ण राज्य होने पर अफसरों की ऐसी हिम्मत नहीं होती


दिल्ली के सीएम ने आगे कहा, 'यह पूर्ण राज्य होता तो किसी अफसर की हिम्मत नहीं थी कि मंत्री और मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना करके वह अपने पद पर रह जाता. पूर्ण राज्य होने पर कोई अधिकारी ऐसा करता तो ससपेंड कर दिया जाता.'


27 लाख में 1.5 लाख लोग पानी के बिल नहीं भर रहे हैं


अरविंद केजरीवाल के मुताबिक दिल्ली एक गंदी औ नीचले स्तरी की राजनीति का शिकार हो रहा है. आज यह चर्चा इसलिए हो रही है दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है. केंद्र में दूसरी पार्टी की सरकार है. वह नहीं चाहती कि दिल्ली की सरकार काम कर सके. उन्होंने कहा कि दिल्ली में पानी के 27 लाख उपभोक्ता हैं. इनमें से 40% यानी 10.5 लाख अपना बिल नहीं भर रहे हैं. उनको लगता है उनका बिल गलत आया है. इतनी बड़ी संख्या में अगर उपभोक्ता पानी का बिल नहीं भरा रहे हैं तो किसी भी जिम्मेदार सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि इसके बारे में कोई नीतिगत फैसला लेकर आए.


वाटर​ बिल वन टाइम सेटलमेंट योजना


पानी के बिलों को लेकर सारे उपभोक्ता दुखी हैं. बिल ठीक करने के लिए चक्कर लगा रहे हैं. बिल इसलिए गलत आ रहे हैं, क्योंकि इसका एक बड़ा कारण है कोरोना में मीटर की रीडर ठीक से नहीं हुई. अब हम जनता की समस्या का समाधान करने के लिए वन टाइम सेटल स्कीम एक योजना लेकर आये हैं. इसमे दो या सो से ज्यादा OK रीडर को एवरेज मानकर बाकी रीडिंग मान ली जाएगी. इस हिसाब से आपका बिल ठीक किया जाएगा. इतनी अच्छी और शानदार स्कीम कहां हो सकती है. इसमें अगर कुछ कमी है तो हम बीजेपी वालों के साथ चर्चा करने को हम तैयार हैं.


90% लोगों को योजना को मिलेगा लाभ


इस योजना के हिसाब से अगर किसी का महीने का 20, 000 लीटर से कम इस्तेमाल हुआ पानी दिखता है तो उसका बिल वैसे ही जीरो हो जाएगा. अगर किसी का पानी का बिल ज्यादा बनता है तो उसके ऊपर लेट पेमेंट कर चार्ज और इंटरेस्ट माफ कर दिया जाएगा. हमारा अपना अंदाजा है कि इस हिसाब से 10.5 लाख में से 90% से ज्यादा लोगों का पानी का बिल 20 हजार लीटर प्रति महीने से काम आएगा और उनका सारा पुराना बिल माफ हो जाएगा. बिना एक भी पैसा दिए उनके दफ्तरों के चक्कर बंद हो जाएंगे. पूरा बिल क्लियर हो जाएगा.


8 माह बाद भी योजना लागू नहीं हुए


दूसरी तरफ जल बोर्ड अच्छी है, क्योंकि 10 लाख से ज्यादा लोग बिल नहीं दे रहे हैं. जितने लोगों के बिल जीरो होंगे, उसे हिसाब से वह पैसा जल बोर्ड को दिल्ली सरकार से मिल जाएगा, क्योंकि दिल्ली सरकार उसको रीइंबर्स करती है. 13 जून 2023 को इस योजना को पास किया गया था. यह योजना तुरंत लागू कर देनी चाहिए थे, लेकिन आज 8 महीने हो गए इस योजना को कैबिनेट से पास हुए. दिल्ली सरकार के इन अधिकारियों ने इसे लागू करने से मना कर दिया. आज स्थिति यह है कि कैबिनेट जब इस योजना को पास करेगी, तब यह स्कीम लागू होगी. इसके लिए वित्त सचिव को इस पर अपने कमेंट देने हैं. वित्त सचिव ने फाइल पर लिख दिया है कि मैं कमेंट्स नहीं दे रहा. सोचो, किसी अफसर की ऐसी हिम्मत हो सकती है?


सीनियर आईएएस ने कहा- हमारी नौकरी का सवाल है


सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंत्री सौरभ भारद्वाज जो कि शहरी विकास मंत्रालय के मंत्री हैं, का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने शहरी विकास सचिव को लिखा कि इसको कैबिनेट में लाया जाए. तो शहरी विकास सचिव ने लिख दिया कि मैं इसको कैबिनेट में नहीं लाऊंगा, जब तक वित्त सचिव इस पर अपने कमेंट नहीं देंगे. फाइनेंस सेक्रेटरी कह रहे हैं कि मैं कमेंट नहीं दूंगा और यूडी सेक्रेटरी कह रहे हैं कि जब तक फाइनेंस सेक्रेटरी कमेंट नहीं देंगे, मैं कैबिनेट में लेकर नहीं आऊंगा. तो मंत्रियों ने इनको और दूसरे अधिकारियों को बुलाया और पूछा कि ऐसा क्यों कर रहे हैं आप? आपको जानकर ताज्जुब होगा कि सीनियर मोस्ट आईएएस अफसर फूट-फूट कर रोने लगे. बोले कि हमारी नौकरी का सवाल है. हमने पूछा कौन कर रहा है तो बोले- Higher Ups. इसलिए यह लोग सर्विस सर्विस करते रहते हैं, क्योंकि उनकी नियत खराब है. अधिकारियों को धमकी दी जा रही है कि तुमको हम सस्पेंड कर देंगे. जेल भेज देंगे. ED सीबीआई लगा देंगे. अगर तुमने यह योजना पास कर दी तो.


दिल्ली में संवैधानिक संकट


दिल्ली में बहुत गंभीर संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है. अधिकारी लिख कर दे रहे हैं कि हम काम नहीं करेंगे तो क्या सरकार 2 दिन भी चल सकती है क्या? यह सब शोभा नहीं देता है? इस सबके पीछे बीजेपी है. बीजेपी दिल्ली वालों से नफरत करती है. दिल्ली वाले दुखी होते हैं तो बीजेपी में खुशी के लहर दौड़ जाती है. दिल्ली वाले बीमार होते हैं तो बीजेपी वाले आनंदित होते हैं.


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