सीएम अरविंद केजरीवाल जेल में बंद हैं. इस बीच आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि उनकी इन्सुलिन जेल प्रशासन ने रोक दी गई है. आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि सीएम केजरीवाल 30 साल से शुगर के पेशेंट हैं. 54 यूनिट इन्सुलिन रोज लेते थे. कस्टडी में जेल प्रशासन सीएम को इन्सुलिन नहीं लेने दे रहा है. उनका शुगर लेवल 300 तक पहुंच गया है.


वहीं मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, "कोई आरोप साबित नहीं हुआ , मगर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल भेजा गया. वे 30 साल से शुगर के गंभीर मरीज़ हैं जो 54 यूनिट इन्सुलिन रोज लेते थे. मगर प्रशासन ने CM का इन्सुलिन रोक दिया गया है. अरविंद केजरीवाल का शुग़र लेवल 300 तक पहुंच रहा है. क्या अरविंद केजरीवाल को मारना चाहते हैं?"






पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा, "तानाशाही की भी एक सीमा होती है. अब हिरासत में अरविंद जी का इंसुलिन बंद कर दिया गया है. अरविंद जी 30 साल से शूगर के मरीज हैं और उन्हें रोजाना 54 यूनिट इंसुलिन लेना पड़ता है. जेल प्रशासन इंसुलिन नहीं लेने दे रहा. इस समय अरविंद जी का शूगर लेवल 300 तक पहुंच गया है. यह चिंता का विषय है."






वहीं, दिल्ली की मंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, '1 फ़रवरी से अरविंद केजरीवाल इंसुलिन रिवर्सल प्रोग्राम पर थे और डॉक्टर की करीबी देख रेख में उनकी इंसुलिन बंद थी. लेकिन गिरफ़्तारी के बाद यह प्रोग्राम बंद हो गया. अब उनका शुगर लेवल लगातार बढ़ रहा है, और 300 तक पहुंच रहा है. अरविंद जी तिहाड़ प्रशासन से इन्सुलिन मांग रहे हैं, पर उनको इन्सुलिन नहीं दी जा रही. ये कैसा घिनौना षड्यंत्र है कि अरविंद केजरीवाल जी की insulin रोकी जा रही है?"


आप नेता जैस्मीन शाह ने लिखा, "सीएम अरविंद केजरीवाल पिछले 30 वर्षों से गंभीर मधुमेह रोगी हैं. उनकी गिरफ्तारी को 28 दिन हो गए हैं लेकिन मोदी सरकार ने इंसुलिन के उनके अनुरोध को ठुकरा दिया है. क्या मोदी केजरीवाल की जान जेल में लेना चाहते हैं जैसे पुतिन ने रूस के विपक्षी नेता की ली थी?"


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