दिल्ली सरकार के मंत्री प्रवेश वर्मा ने मोदी सरकार के जातिगत जनगणना कराने के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा जातिगत जनगणना को स्वीकृति मिलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सामाजिक न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है. उन्होंने कहा कि यह कदम समाज के हर वर्ग को न्याय और भागीदारी सुनिश्चित करेगा.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया ऐलान
बुधवार (30 अप्रैल) को कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऐलान किया कि राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि समाज आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से मज़बूत हो और देश की प्रगति भी निर्बाध चलती रहे.
बिहार चुनाव से पहले सरकार का फैसला
दरअसल, केंद्र सरकार ने ये फैसला ऐसे समय में लिया है जब इसी साल अक्तूबर-नवंबर में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में चुनाव से पहले मोदी सरकार ने बड़ा दाव चल दिया है. विपक्षी दल लगातार इसकी मांग कर रहे थे. माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से चुनावी गणित प्रभावित हो सकता है. आजाद भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि जनगणना के वक्त लोगों की जाति पूछ जाएगी.
ऐतिहासिक निर्णय पर देश को गर्व- आशीष सूद
वहीं दिल्ली सरकार में मंत्री आशीष सूद ने कहा, "भारत सरकार के ऐतिहासिक जातिगत जनगणना निर्णय पर पूरे देश को गर्व है! आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, हमारी सरकार सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह कदम हर समुदाय को सशक्त करेगा और भारत की एकता को मजबूत करेगा."