Delhi Burari Building Collapse: उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में चार मंजिला इमारत ढहने से दो लड़कियों समेत पांच लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी.  उसने बताया कि इस इमारत के मालिक पर मामला दर्ज किया गया है. पुलिस उपायुक्त (उत्तर) राजा बांठिया ने बताया कि इमारत के मालिक योगेंद्र भाटी और अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) और 3(5) (साझी मंशा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

पुलिस के मुताबिक, 'ऑस्कर पब्लिक स्कूल' के पास नवनिर्मित यह इमारत सोमवार शाम ढह गई थी. इस हादसे में अब तक 12 लोगों को बचाया गया है, जबकि मलबे से पांच शव निकाले गए हैं. पुलिस के अनुसार दो मृतकों की पहचान साधना (17) और राधिका (7) के रुप में हुई है. अन्य तीन मृतक अनिल गुप्ता (42) और मजदूर मोहम्मद सरफराज (22) और मोहम्मद कादिर (40) हैं.

इन घायलों की हुई पहचानपुलिस ने बताया कि घायलों की पहचान लालता प्रसाद, उनकी पत्नी सविता और उनके छह बच्चों अजय, छोटी, खुशी, प्रियंका, सोनिया और सिमरन के रूप में हुई है. पुलिस का कहना है कि उनके दो अन्य बच्चों साधना और राधिका की मौत हो गई. अन्य घायलों की पहचान नहीं हो पाई है. दिल्ली पुलिस ने सोमवार की रात एक बयान में कहा कि उसे शाम लगभग सात बजे इमारत ढहने की सूचना मिली.

यह इमारत 200 वर्ग गज में फैली थी और नई बनी थी. दिल्ली पुलिस और अग्निशमन सेवा को इस घटना की सूचना मिलने के बाद बचाव अभियान शुरू किया गया. राजा बांठिया ने कहा कि बचाव अभियान अब भी जारी है. पुलिस, दमकल विभाग, राष्ट्रीय 'आप'दा मोचन बल के कर्मी घटनास्थल पर मौजूद हैं. पुलिस ने इलाके की घेराबंदी की है और आसपास के लोगों से पूछताछ कर पता कर रही है कि इमारत के भीतर कितने लोग अब भी फंसे हो सकते हैं. हमने मामले की जांच शुरू कर दी है और कई टीम गठित की गई हैं.

बचाव अभियान जारीपुलिस उपायुक्त ने कहा कि बचाव अभियान पूरा हो जाने के बाद ही पुलिस स्थिति के बारे में कुछ कह पाएगी. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं के दौरान प्रशासन एक घटना कमांडर नियुक्त करता है जो अधिकारियों के लिए निर्देश जारी करता है. क्षेत्र के उपखंड मजिस्ट्रेट वर्तमान में घटना कमांडर के रूप में कार्य कर रहे हैं और उन्होंने संरचनात्मक सुरक्षा और फिटनेस जांच के लिए आस-पास की इमारतों को खाली करने का आदेश दिया है. पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गई है और किसी को भी प्रतिबंधित क्षेत्र के अंदर आने की अनुमति नहीं है.

उन्होंने यह भी बताया कि बचाव अभियान बुधवार तड़के तक जारी रहेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्षेत्र की पूरी तरह से जांच हो जाए और मलबे में फंसे लोगों को बचाने का काम पूरा हो जाए. राजा बांठिया ने कहा कि जिन लोगों को बचाया गया है, उन्हें संदेह है कि अभी और लोग अंदर फंसे हुए हैं. पुलिस, दिल्ली अग्निशमन सेवा, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां ​​बचाव अभियान को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं.

'आप' विधायक ने किया मुआवजे का ऐलानउन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों को मलबे से निकाला गया है, उनकी स्वास्थ्य स्थिति की गंभीरता के आधार पर उच्च चिकित्सा केंद्रों में भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि शुरुआत में हमने कुछ मरीजों को बुराड़ी अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन बाद में उन्हें एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया. 'आप' विधायक संजीव झा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि यह राजनीतिक विवाद का समय नहीं है और प्रभावित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए.

उन्होंने जान गंवाने वाले वयस्कों के परिवारों के लिए लिए 10-10 लाख रुपये और नाबालिगों के परिवारों के लिए पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि घोषित की. संजीव झा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार भी जल्द से जल्द परिवारों के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा करेगी. घटनास्थल पर कई लोगों को अपने परिजन के बारे में खबर की बेसब्री से बाट जोहते देखा गया जो श्रमिक के तौर पर इस इमारत में काम करते थे.

परिजनों ने कार्रवाई की मांगमोहम्मद बारिक ने बताया कि उसका 22 वर्षीय भाई मोहम्मद सरफराज मलबे में फंसे कई मजदूरों में से एक था. मोहम्मद बारिक ने बताया कि मैं भी दूसरी जगह पर मजदूर के तौर पर काम करता हूं. मुझे सोमवार रात करीब साढ़े आठ बजे इमारत ढहने की सूचना मिली. फोन करने वाले ने मुझे बताया कि मेरा भाई मलबे में फंसा हुआ है. बाद में मुझे उसकी मौत की खबर मिली. पीड़ित परिजनों ने इमारत मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ-साथ मुआवजे की मांग की है.

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