भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पंजाब इकाई के नेता प्रितपाल सिंह बलियावाल ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर गुरु तेग बहादुर की शहादत की 350वीं बरसी के अवसर पर ऐतिहासिक चांदनी चौक क्षेत्र का नाम बदलकर ‘शीशगंज’ रखने का आग्रह किया है. बीजेपीनेता ने इसके साथ ही अन्य निकटतम मेट्रो स्टेशनों के नाम गुरु तेग बहादुर के साथियों- भाई मति दास, भाई सती दास और भाई दयाल- के नाम पर करने का भी आग्रह किया है, जिन्होंने उनके (गुरु तेग बहादुर के) साथ अपनी शहादत दी थी.

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मानवता की अंतरात्मा की रक्षा के लिए दिया बलिदान 

बलियावाल ने अपने पत्र में लिखा है कि वह गुरु नानक देव जी की 556वीं जयंती के इस पवित्र अवसर पर ‘हिंद की चादर’ गुरु तेग बहादुर के अद्वितीय बलिदान को याद करने के लिए एक सिख और एक भारतीय दोनों रूप में गहरी श्रद्धा के साथ यह पत्र लिख रहे हैं. गुरु तेग बहादुर ने धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा और मानवता की अंतरात्मा की रक्षा के लिए बलिदान दिया.

निर्दोष लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए किया गया मजबूर 

उन्होंने लिखा कि औरंगजेब के अधीन मुगल शासन के दौरान 1675 में धार्मिक उत्पीड़न अपने चरम पर था. उस समय मंदिरों को नष्ट कर दिया गया, धर्मग्रंथों को जला दिया गया और निर्दोष लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया. पंडित कृपा राम के नेतृत्व में 500 से अधिक कश्मीरी पंडितों ने अपने धर्म की रक्षा के लिए श्री आनंदपुर साहिब में गुरु तेग बहादुर से मुलाकात की. गुरु साहिब ने उनकी पीड़ा सुनकर सर्वोच्च बलिदान देने का निर्णय लिया.

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उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर का सिर उसी स्थान पर काटा गया था, जहां आज गुरुद्वारा शीशगंज साहिब स्थित है, यह स्थान साहस, बलिदान और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा का प्रतीक है. बलियावाल ने आग्रह किया कि चांदनी चौक का नाम बदलकर शीशगंज करना और आसपास के मेट्रो स्टेशन को इन शहीदों को समर्पित करना एक प्रशासनिक निर्णय से कहीं बढ़कर होगा.