Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट ने मानसून से पहले राष्ट्रीय राजधानी को जलभराव से बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. बारापुला नाले की सफाई को अत्यंत आवश्यक बताते हुए कोर्ट ने आदेश दिया है कि मद्रासी कैंप को 1 जून से गिराया जाए. इसके साथ ही 20 मई से कैंप के निवासियों का पुनर्वास नरेला में शुरू किया जाएगा.
जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस मनीत पी.एस. अरोड़ा की बेंच ने स्पष्ट कहा कि मद्रासी कैंप के निवासियों का पुनर्वास और बारापुला नाले की सफाई एक-दूसरे से जुड़े और अनिवार्य कार्य हैं. अदालत ने यह भी दोहराया कि नाले पर हुआ अतिक्रमण सार्वजनिक भूमि पर है, जिस पर कोई व्यक्तिगत दावा नहीं बनता.
कोर्ट में पिछले 10 महीने से लंबित मामला
कोर्ट ने बताया कि यह मामला पिछले 10 महीनों से लंबित था और अब किसी तरह की देरी से न केवल नाले की सफाई बाधित होगी, बल्कि मानसून में गंभीर जलभराव का खतरा भी बढ़ेगा.
पुनर्वास की विस्तृत योजना
दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए सिविक एजेसी 0DDA, MCD, DUSIB, PWD और दिल्ली सरकार को निर्देशित किया गया है, कि वे 19-20 मई के बीच दो शिविर आयोजित करें.
1 - एक शिविर में नरेला फ्लैटों के कब्जा पत्र वितरित किए जाएंगे.
2 - दूसरे शिविर में बैंक अधिकारी ऋण सुविधा प्रक्रिया में भाग लेंगे.
20 मई से 31 मई तक सभी सामान हटाना अनिवार्य
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि 20 मई से सभी पात्र निवासियों को नरेला फ्लैटों में ट्रांसफर किया जाएगा और 31 मई तक मद्रासी कैंप पूरी तरह खाली किया जाना चाहिए.
1 जून से विध्वंस कार्य शुरू होगा
दिल्ली हाई कोर्ट ने यह चेतावनी भी दी कि जो लोग पुनर्वास का प्रस्ताव स्वीकार नहीं करेंगे, उन्हें भविष्य में कोई दूसरा मौका नहीं मिलेगा. पर्यावरण संरक्षण और शहर को जलभराव से बचाने की दिशा में यह फैसला बेहद अहम माना जा रहा है बारापुला नाले पर अवैध निर्माण न सिर्फ नाले के प्रवाह में बाधा बनता है, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भारी जलभराव का कारण भी बनता है खासकर मानसून के दौरान.