Delhi Assembly Session 2025 Update: दिल्ली विधानसभा सत्र के तीसरे दिन विपक्ष के विधायकों को विधानसभा परिसर में प्रवेश करने पर स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने पूरी तरह से रोक लगा दी. दरअसल, 25 फरवरी को AAP के 21 विधायकों को LG के अभिभाषण के दौरान हंगामा करने पर सदन से तीन दिन के लिए स्पीकर ने सस्पेंड कर दिया था. गुरुवार को सस्पेंड किए गए विधायक जब विधानसभा पहुंचे तो उन्हें परिसर के गेट पर ही रोक दिया गया. आप विधायकों को अंदर नहीं जाने दिया गया.  स्पीकर के इस फैसले के विरोध में नेता प्रतिपक्ष आतिशी के नेतृत्व में आप विधायक विधानसभा के बाहर सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. इस दौरान विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को बर्खास्त करो तानाशाही मुर्दाबाद और तानाशाही-हिटलरशाही नहीं चलेगी जैसे नारे भी लगाए.

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ऐसा पहले कभी नहीं हुआ- आतिशी

नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि हमने सदन में जय भीम के नारे लगाए तो हमें विधानसभा परिसर से ही बाहर कर दिया. बीजेपी बाबा साहब डॉ. अंबेडकर, उनके नाम और उनकी तस्वीर से नफरत करती है. आजाद भारत के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि स्पीकर के आदेश पर विधायकों को विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोका गया हो. विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री, मंत्री और नेता प्रतिपक्ष का ऑफिस है, जहां वह प्रशासनिक काम करते हैं. ऐसे में विधानसभा परिसर के अंदर जाने से रोकना गैर कानूनी और अलोकतांत्रिक है. भारतीय लोकतंत्र के 75 साल के इतिहास में कभी नहीं हुआ. 

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जय भीम नारे लगाए तो कर दिया निष्काषित

आतिशी ने चुने हुए विधायकों को विधानसभा परिसर के अंदर जाने रोकने पर कहा कि आज का दिन लोकतंत्र के इतिहास में काला धब्बा है. आज पूरा देश बीजेपी की तानाशाही देख रहा है कि किस तरह बाबा साहब डॉ. अंबेडकर की तस्वीर हटाई गई और जब आम आदमी पार्टी के विधायकों ने ‘जय भीम’ के नारे लगाए तो आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को सदन से निष्कासित कर दिया गया.

बीजेपी को यह पता होना चाहिए कि वो भले ही आम आदमी पार्टी के विधायकों को सदन से निकाल दें या हमारे विधायकों को विधानसभा परिसर से निकाल दें, लेकिन यह ‘जय भीम’ का नारा पूरी दिल्ली और देश में गूंजेगा. ये लोग ‘जय भीम’ के नारे को रोक नहीं सकते. उन्होंने ये भी कहा कि आप विधायकों को न सिर्फ सदन से निष्कासित किया गया, बल्कि दिल्ली विधानसभा के इतिहास में पहली बार तीन-तीन बैरिकेड लगाकर विधायकों को विधानसभा परिसर से 200 मीटर दूर रोक दिया गया.

 आतिशी ने कहा कि विधानसभा परिसर के अंदर जाने से रोकने पर जब उन्होंने पुलिस से आदेश दिखाने को कहा तो उन्होंने आप विधायकों को सदन से तीन दिन के लिए निष्कासित करने का स्पीकार के आदेश का हवाला दिया. जबकि आदेश में यह कहीं भी ऐसा नहीं लिखा था कि विधायकों को परिसर के अंदर ही नहीं घुसने दिया जाएगा या नेता प्रतिपक्ष को अपने ऑफिस में नहीं जाने दिया जाएगा. 

'BJP का मकसद मुद्दे उठाने से रोकना है'

आतिशी ने कहा कि हमने कई बार स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. उन्होंने कहा कि आप विधायक विधानसभा के अंदर महात्मा गांधी और बाबा साहब की प्रतिमा के नीचे प्रदर्शन क्यों नहीं कर सकते? यह लोग आम आदमी पार्टी से डरते हैं, क्योंकि इनको पता है कि हम बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीर और महिलाओं को हर महीने 2500 रुपए देने का मुद्दा उठाएंगे. बीजेपी सदन में मुद्दा उठने के डर से हमें विधानसभा परिसर में जाने से रोका.

स्पीकर बात करने को तैयार नहीं- संजीव झा 

AAP के वरिष्ठ नेता और विधायक संजीव झा ने कहा कि आजादी के बाद के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि स्पीकर के आदेश पर विधायकों को विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोका जाए. स्पीकर ने एक अजीबो-गरीब आदेश जारी किया है, जिससे हमारे विशेषाधिकार का हनन हो रहा है. इस बात को लेकर हम स्पीकर से बात करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह इस मुद्दे पर बात करने को भी तैयार नहीं हैं. उन्हें किस बात का डर है? 

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