No Fuel For 10 Year Old Vehicles Rule: दिल्ली में निर्धारित समय से पुराने वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध लागू होने को लेकर बवाल जारी है. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि दिल्ली की बीजेपी सरकार ने तुगलकी फरमान जारी किया है कि 10 साल पुराने वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा और उन्हें सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं होगी. दिल्ली के आम लोग दफ्तरों में आने-जाने के लिए दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल करते हैं. अब वे क्या करेंगे? 

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उन्होंने कहा, ''दूसरी बात, दिल्ली में कई बुजुर्ग लोग स्थानीय इस्तेमाल के लिए सेकेंड हैंड दोपहिया वाहन इस्तेमाल करते हैं. अब वे क्या करेंगे? क्या वे बुजुर्ग लोग पैदल ही बाजार जाएंगे? यह आदेश निराधार और अतार्किक है क्योंकि किसी भी वाहन की उम्र का उससे होने वाले प्रदूषण से कोई लेना-देना नहीं है.''

दिल्ली में क्या है नियम?

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वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के निर्देशों के तहत मंगलवार से दिल्ली के पेट्रोल पंपों को कहा गया है कि जिन वाहनों की समयसीमा पूरी हो गयी हो (ईओएल) उन्हें ईंधन न दें. दिल्ली में 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल चालित वाहनों और 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों को ईंधन की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है.

गाड़ियों के पुराने होने और प्रदूषण होने से कोई संबंध नहीं- आतिशी

आतिशी ने कहा, ''गाड़ियों का उनके पुराने होने और प्रदूषण होने से कोई संबंध ही नहीं है. अगर गाड़ी का सही से रखरखाव किया जाये तो वह प्रदूषण नहीं करती है. बीजेपी सरकार ने यह तुगलकी फरमान गाड़ी निर्माता कंपनियों से सांठगांठ कर दी है. इस फरमान के बाद 62 लाख वाहनों को सड़क से हटना पड़ेगा और नए वाहन खरीदने पड़ेंगे और कंपनियों को फायदा होगा.'' 

उन्होंने कहा, ''बीजेपी बताए कि उन्हें इन वाहन निर्माता कंपनियों से कितना चंदा मिला है, जो उन्होंने यह तुगलकी फरमान जारी किया है, जिससे कंपनियों को फायदा मिलेगा.''