Delhi News: ​देश की राजधानी दिल्ली में 19 मई से केंद्र का अध्यादेश लागू है. इस मसले पर एक बार फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने केंद्र सरकार (Center Government) पर हमला बोला है. मंगलवार को दिल्ली के सीएम ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में चार चुनाव बुरी तरह से हार गई. अगले कई वर्षों तक दिल्ली जीतने की उनकी कोई उम्मीद नहीं है. यही वजह है कि बीजेपी ने इस अध्यादेश (Delhi Ordinance) के जरिए दिल्ली को हथियाने की कोशिश की है. 


सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आप सवाल करेंगे ऐसा कैसे हो सकता है. इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ये अध्यादेश मंत्रियों, मुख्यमंत्री और कैबिनेट के ऊपर अफसरों को बिठाता है. हर विभाग में अब अंतिम निर्णय मंत्री का नहीं, विभाग सचिव का होगा. सचिव मंत्री के निर्णय को खारिज कर सकता है. कैबिनेट के ऊपर मुख्य सचिव होगा जो तय करेगा कि कैबिनेट का कौन सा निर्णय सही है? एनसीसीएसए में सीएम के निर्णय को पलटने के लिए सीएम के ऊपर दो अफसरों को बिठा दिया गया हैं. अफसरों की मर्जी के बिना कोई प्रस्ताव कैबिनेट में नहीं लाया जा सकता. तो सारे निर्णय अब अफसर लेंगे. इन अफसरों पर सीधे केंद्र सरकार का कंट्रोल होगा. इस तरह बीजेपी चुनाव हारने के बाद चोरी से दिल्ली सरकार चलाना चाहती है.



दिल्ली की हालत चिंताजनक


इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल विनय सक्सेना को एक चिट्ठी लिखकर देश की राजधानी में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता जताई थी. अपनी चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि दिल्ली की हालत चिंताजनक है. दिल्ली का हर नागरिक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है. दिल्ली की कानून व्यवस्था के लिए सीधे LG ​विनय सक्सेना और और गृह मंत्री जिम्मेदार माना है. इसके अलावा, उन्होंने जिक्र कि दिल्ली की हालत में सुधार के लिए उनकी सरकार हर स्तर पर केंद्र और दिल्ली पुलिस के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है. उन्होंने दिल्ली पुलिस, केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली कैबिनेट की एक बैठक का प्रस्ताव भी रखा है. 


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