द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर सबसे अधिक राजनीति देश की राजधानी दिल्ली में हो रही है. इस फिल्म के आने के बाद दिल्ली में एक मुद्दा काफी तेजी से चल रहा है जिसमें बताया जा रहा है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कश्मीरी शिक्षकों को नियमित किया था. इस बात पर हाल ही में दिल्ली के शिक्षक संघ (प्रवासी) की तरफ से एक प्रेस रिलीज जारी करके कहा गया था कि केजरीवाल सरकार के दावे झूठे उन्हें नियमित नौकरी कोर्ट के हस्तक्षेप से मिली थी.
वहीं अब इस प्रेस रिलीज को आमा आदमी पार्टी (आप) ने फेक बताया है, आप की तरफ से कहा गया कि जिस दिलीप भान की तरफ से यह प्रेस रिलीज जारी की गई थी उसे असली शिक्षक संघ (प्रवासी) जानता ही नहीं है. आप पार्टी ने कहा इतना ही नहीं अब शिक्षक संघ (प्रवासी)ने अपने हस्ताक्षर के साथ एक प्रेस रिलीज जारी करके इस पूरे मामले की सच्चाई सभी के सामने ला दी है.
शिक्षक संघ (प्रवासी) द्वारा जारी हुई प्रेस रिलीज को लेकर आप विधायक आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जिसमें उन्हेंने इसे फेक प्रेस रिलीज का भंडाफोड़ किया. आतिशी ने इस प्रेस रिलीज में कहा कि यह बीजेपी की चाल है जिसमें बीजेपी ने फर्जी प्रेस रिलीज बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दी जिसे कई मीडिया वालों ने सही भी मान लिया. जिसके नाम से यह प्रेस रिलीज जारी की थी उस दिलीप भान का आज तक किसी ने चेहरा तक नहीं देखा.
आतिशी ने कहा कि अब असली कश्मीर प्रवासी शिक्षकों ने अपने लेटर में स्पष्ट रूप से केजरीवाल जी को धन्यवाद दिया है. इसके साथ ही आतिशी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने पत्र लिख कर कहा कि कश्मीरी विस्थापित टीचरों को पक्का किया जाए और उनके खिलाफ कोर्ट के मामले को वापस लिया जाए. इस दौरान बीजेपी के दिल्ली एलजी अनिल बैजल ने बीजेपी प्रवक्ता पिंकी आनंद को को सुप्रीम कोर्ट भेजा ताकि कश्मीरी विस्थापित टीचरों को पक्का ना करने पड़े.