आप विधायक संजीव झा ने विधायकों की सैलरी बढ़ाने की मांग की. दसअसल, बीजेपी विधायक सूर्य प्रकाश खत्री ने विधायकों के साथ रहने वाले डाटा एंट्री ऑपरेटर्स की संख्या दो से चार करने और उनकी सैलरी बढ़ाने की मांग की. आप ने समर्थन किया. संजीव झा ने साथ में विधायकों की सैलरी बढ़ाने की भी मांग की.

बीजेपी विधायक ने क्या कहा?

सूर्य प्रकाश खत्री ने कहा, "अभी विधायकों को दो डाटा एंट्री ऑपरेटर रखने की व्यवस्था है और उन्हें 15-15 हज़ार रुपए वेतन मिलते हैं. दिल्ली में जनसंख्या बढ़ रही है. एक विधायक को काम करने के लिए उसके साथ कम से कम चार लोग होने चाहिए. ये लोग तो स्किल्ड कैटेगरी में आते हैं और उनका वेतन नियम के अनुसार 18 हज़ार से भी कम है. इसलिए हमारी मांग है कि इसे बढ़ाया जाए और यह प्रस्ताव पास हो."

आप ने जताई सहमति

इस पर संजीव झा ने कहा, "मैं इस प्रस्ताव से सहमत हूं. डाटा एंट्री ऑपरेटर्स की सैलरी बढ़नी चाहिए. हमने पिछले सदन में भी इसे लेकर आवाज़ उठाई थी. ये लोग हाइली स्किल्ड होते हैं और इसके अनुसार इनका वेतन 26 हज़ार से ज़्यादा होना चाहिए. हमारी विधानसभा में ही चार लाख से ज़्यादा है और काम के लिए ज़्यादा लोगों की ज़रूरत होती है. इसलिए हम चाहते हैं कि इनकी संख्या दो से बढ़ाकर चार की जाए. दिल्ली के विधायकों की सैलरी भी देशभर में सबसे कम है. हम चाहते हैं कि देशभर के विधायकों की सैलरी का अध्ययन करके दिल्ली के विधायकों की भी सैलरी बढ़े."

इकोनॉमिक सर्वे पर क्या बोले आप विधायक?

इसके साथ ही सदन की कार्यवाही के दौरान संजीव झा ने इकोनॉमिक सर्वे को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, "इस सदन में ऑन रिकॉर्ड मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार इकोनॉमिक सर्वे नहीं आया, यह गैर जिम्मेदाराना बयान था. आज तक के इतिहास में ऐसा नहीं हुआ है कि बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे नहीं आया हो. पूरे बजट में इनके वादों से ज़्यादा गाली गलौज था." 

अरविंद सिंह लवली ने किया पलटवार

इस पर बीजेपी विधायक अरविंद सिंह लवली ने कहा, "इकोनॉमिक सर्वे सरकार की नीयत नहीं बताता. यह महत्वपूर्ण डाटा है लेकिन अनिवार्य नहीं है. संविधान में कहीं भी इकोनॉमिक सर्वे पेश करने के बारे में नहीं लिखा है. दिल्ली के स्कूल अस्पतालों की हालत ख़राब हैं और आप इकोनॉमिक सर्वे का शोर मचा रहे हैं. इस सरकार को अपने दस साल के कार्यों का आउटकम लेकर आना चाहिए."