आम आदमी पार्टी के दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने गुरुवार (15 मई) को यूजर चार्ज वापस लेने की मांग को लेकर एक प्रस्ताव एमसीडी को भेजा. उन्होंने कहा कि 21 मई को होने वाले एमसीडी सदन में आम आदमी पार्टी इस प्रस्ताव को पास कराने की कोशिश करेगी. उनका कहना है कि, एमसीडी पहले डोर-टू-डोर कूड़ा उठाए, फिर अवासीय- व्यवसायिक प्रॉपटी पर यूजर चार्ज लगाए.
'सफाई अभियान के बाद भी दिल्ली दुरुस्त नहीं'
आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा है कि बीजेपी एमसीडी में मेगा सफाई अभियान चलने पर भी दिल्ली की सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं कर पाईं. दिल्ली के लोग परेशान हैं. उनसे प्रॉपर्टी टैक्स से कहीं ज्यादा यूजर चार्ज वसूला जा रहा है. मेयर राजा इकबाल ने यूजर चार्ज वापस लेने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक वापस नहीं लिया गया.
21 मई को निगम की बैठक में होगा फैसला
दिल्ली नगर निगम की 21 में को बैठक है जिसमें इस प्रस्ताव को लेकर फैसला होगा. अंकुश नारंग ने कहा कि दिल्ली के सभी इलाकों में रिहायशी और व्यवसायिक संपत्तियों पर हाल ही में एमसीडी ने यूजर चार्ज लगाया है. इसके खिलाफ आम आदमी पार्टी ने धारा 74 के तहत एक प्रस्ताव भेजा है. आम आदमी पार्टी की ओर से यह प्रस्ताव 21 मई को होने वाले सदन में पेश करने के लिए रखा गया है.
'12 जोन में कंसेशनरी डोर-टू-डोर कूड़ा नहीं उठाते'
आप नेता ने कहा कि इस प्रस्ताव में हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि सभी रिहायशी और व्यवसायिक संपत्तियों पर लगाए गए यूजर चार्ज नहीं लगने चाहिए. उन्होंने कहा कि यूजर चार्ज इसलिए नहीं लगने चाहिए, क्योंकि 12 जोन में मौजूद हमारे कंसेशनरी डोर-टू-डोर कूड़ा नहीं उठाते. 60 से 70 फीसद कूड़ा डोर-टू-डोर उठता है और उसे प्राइवेट लोग उठाते हैं. उन प्राइवेट लोगों को पैसे घर के मालिक या व्यवसाय के मालिक देते हैं. अभी तक इन 12 जोन के कंसेशनरियों और प्राइवेट लोगों के बीच कोई समन्वय नहीं बन पाया है.
फिर एक बार उठा सफाई का मुद्दा
दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी सत्ता में थी. लेकिन अब सत्ता जाने के बाद आम आदमी पार्टी विपक्ष में रहकर बीजेपी के कामो को लेकर सवाल खड़े कर रही है. अंकुश नारंग ने कहा कि दिल्ली में अभी तक एमसीडी सभी ढलावों को बंद करने में विफल रही है और ढलावों के आसपास खूब सारा कूड़ा जमा होता है, जिससे वातावरण प्रदूषित होता है और बदबू के कारण लोगों का वहां रहना और निकलना मुश्किल हो जाता है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एफसीटीएस के आसपास भी इतना कूड़ा एकत्रित होता है कि लोगों का वहां से गुजरना कठिन हो जाता है. दिल्ली में कई वल्नरेबल पॉइंट्स हैं, जहां कूड़ा इकट्ठा होता है. एमसीडी न तो ढलावों को खत्म कर पाई है, न ही एफसीटीएस के पास कूड़े को हटा पाई है और न ही रिहायशी इलाकों में वल्नरेबल पॉइंट्स पर कूड़े को समाप्त कर पाई है.
'1000 रुपये यूजर चार्ज देना पड़ रहा'
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बीजेपी शासित एमसीडी अभी तक सफाई व्यवस्था को दुरुस्त नहीं कर पाई है. अगर सफाई व्यवस्था दुरुस्त होती, तो मेगा सफाई अभियान चलाने की जरूरत नहीं पड़ती. जब तक 100 फीसदी सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो जाती, तब तक किसी पर भी यूजर चार्ज नहीं लगना चाहिए. लोग बहुत परेशान हैं. लोगों का कहना है कि अगर उनका हाउस टैक्स 800 या 850 रुपये है, तो उन्हें 1,000 रुपये यूजर चार्ज देना पड़ रहा है. किसी का प्रॉपर्टी टैक्स 2,500 से 3,000 रुपये है, तो उसे 5,000 रुपये यूजर चार्ज देना पड़ता है. यह सही नहीं है. यह दिल्ली के निवासियों और व्यापारियों पर वित्तीय बोझ है और ऐसा नहीं होना चाहिए.
'...जब तक यूजर चार्ज लगाने का कोई अधिकार नहीं'
उन्होंने कहा कि जब तक एमसीडी 100 फीसद डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने में सक्षम नहीं हो जाती, तब तक यूजर चार्ज लगाने का कोई अधिकार नहीं है. जब तक ढलाव, वल्नरेबल पॉइंट्स और एफसीटीएस के आसपास कूड़ा खत्म नहीं होता, तब तक एमसीडी को किसी भी निवासी या व्यवसायी पर यूजर चार्ज लगाने का हक नहीं है. हमने यह प्रस्ताव रखा है.
गौर करने वाली बात यह है कि जब राजा इकबाल 25 अप्रैल को महापौर बने, तो उन्होंने अपने पहले संबोधन में कहा था कि यूजर चार्ज वापस लेंगे. लेकिन एक महीना होने को है और उन्होंने न तो यूजर चार्ज वापस लिया और न ही इस पर कोई बात की.