Delhi News: साउथ वेस्ट दिल्ली के द्वारका सेक्टर 7 स्थित दुर्गा पार्क के सरकारी स्कूल, सर्वोदय विद्यालय में मीड डे मील में दिए गए जूस को पीने से अचानक 100 बच्चों की तबीयत बिगड़ गयी. बच्चों को उल्टियां और चक्कर आने लगे. जिसके बाद स्कूल प्रशासन में आनन-फानन में 60 से ज्यादा बच्चों को दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल और दादा देव अस्पताल में भर्ती कराया. इसकी जानकारी मिलते ही स्कूल के बाहर अभिभावकों की भीड़ इकट्ठा हो गयी. घटना की सूचना पर पुलिस टीम भी स्कूल पहुंची, और जूस के सैम्पल कलेक्ट कर स्कूल प्रशासन के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.


पुलिस कर रही छानबीन


डीसीपी साउथ वेस्ट मनोज सी. के अनुसार, शाम 6 बजे सागरपुर थाने की पुलिस को सर्वोदय विद्यालय के सेकेंड शिफ्ट में पढ़ने वाले बच्चों को मिड-डे मिल में खाने के बाद दिए गए सोया जूस को पीने से उनकी तबीयत खराब होने की सूचना मिली थी. इसकी जानकारी पर मौके पर पहुंची पुलिस ने क्राइम टीम को बुला कर मिड-डे मील में दिए गए खाने और जूस के सैम्पल को कलेक्ट कर लिया है और इस मामले में लापरवाही का मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही है.


बच्चों को दिया गया था सोया जूस


मिली जानकारी के मुताबिक, मिड-डे मील में कक्षा छह और आठ के छात्रों को खाने के बाद जूस दिया गया था. जूस एक्सपायर हो चुका था, जिस कारण उसमें से बदबू भी आ रही थी. स्वाद खराब होने के कारण कुछ बच्चों ने जूस को फेंक दिया, जबकि काफी बच्चों ने उस जूस को पी लिया, जिस कारण उनकी तबीयत बिगड़ गयी और उन्हें पेट दर्द, उल्टियां-चक्कर आने लगे. जिसके बाद आनन-फानन में बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं इसकी जानकारी पर स्कूल पहूंचे अभिभावक भी अस्पताल की तरफ दौड़े, जहां उनका जमावड़ा लग गया. इससे अस्पताल की इमरजेंसी का काम प्रभावित होने लगा. जिसे देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने वहां मौजूद अभिभावकों को शांत कर समझाया फिर वे इमरजेंसी से बाहर निकले.


भाजपा पार्षद ने लगाया लापरवाही के आरोप


इस पूरे मामले को लेकर, एबीपी लाईव से बातचीत के दौरान पूर्व मेयर और भाजपा के पार्षद, मुकेश सूर्यान ने दिल्ली सरकार पर लापरवाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि लगातार इस तरह की घटनाएं दिल्ली सरकार के स्कूलों से सामने आ रही है, जहां बच्चों की जिंदगियों से खिलवाड़ करते हुए उन्हें घटिया गुणवत्ता वाले भोजन एवं अन्य खाद्य उत्पाद दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बच्चो को दिए जाने वाले भोजन एवं पेय सामग्रियों को स्कूल के प्रधानाध्यापक एवम इंचार्ज के द्वारा जांच के बाद ही दिया जाता है. ऐसे में यह स्पष्ट है कि इसमें लापरवाही बरती गई, जिस कारण बच्चे बीमार पड़ गए. इस मामले की जांच की मांग उठाते हुए उन्होंने कहा कि जो भी इसके लिए दोषी हो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.


बता दें कि अभी दो सप्ताह पहले भी इंद्रपुरी के एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील में मील भोजन को खाने के बाद कई स्कूली बच्चे बीमार पड़ गए थे. इससे पहले भी ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. ऐसे में दिल्ली सरकार और उनकी शिक्षा मंत्री आतिशी के वो दावे, जिनमें उन्होंने सरकारी स्कूलों और आंगनवाड़ी में बच्चो की बेहतर शिक्षा के साथ समुचित पोषण और अन्य सुविधाओं की बात की थी, वो कहीं न कहीं खोखली नजर आ रही है. जरूरत है कि सरकार इस पर ध्यान दें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, ताकि फिर ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो.