Vacant post of teacher in primary school: एक तरफ दिल्ली सरकार प्राइमरी स्कूल के टीचरों को ट्रेनिंग के फिनलैंड भेजने के मसले पर सीएम अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के बीच लंबे अरसे से तनातनी चरम पर है तो दूसरी तरफ हकीकत यह है कि प्राइमरी स्कूलों में कुल स्वीकृत सहायक शिक्षकों के 4061 स्वीकृत पदों में से 1019 पद खाली पड़ें हैं. एमसीडी द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूलों में टीचर्स की कमी एक बहुत बड़ी समस्या है. शिक्षकों की कमी की वजह से बड़े स्तर पर शिक्षण कार्य प्रभावित हैं. 


इस बात का खुलासा एक आरटीआई के तहत मांगे गए सवालों के जवाब में हुआ है.आरटीआई के जरिए पूछे गए सवालों के जवाब में शिक्षा विभाग ने बताया है कि प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी न केवल बड़ी समस्या है, बल्कि इससे शिक्षण कार्य बुरी तरह से प्रभावित है. करीब नर्सरी से 12वीं कक्षा तक के 400 प्राइमरी स्कूल दिल्ली सरकार के अधीन आते हैं. ये बात अलग है कि इन स्कूलों के संचालन की जिम्मेदारी दिल्ली नगर निगम की है. 
 
गणित और विज्ञान टीजीटी के पद सबसे ज्यादा खाली 
वहीं आरटीआई कार्यकर्ता मुनज्जा द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में डीओई द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सिर्फ प्राइमरी टीचर्स के ही नहीं बल्कि अतिथि शिक्षकों को छोड़कर गणित और विज्ञान के लिए सबसे ज्यादा पद खाली हैं. दिल्ली सरकार के स्कूलों में 22 हजार तदर्थ शिक्षक हैं जो स्थायी होने का वर्षों से इंतजार कर रहे हैं.


सरकारी स्कूलों में हजारों की संख्या में खाली हैं टीजीटी के पद 
डीओई के जवाब के मुताबिक 27 दिसंबर, 2022 तक गणित टीजीटी के लिए रिक्त पदों की संख्या 3,084 है. जबकि टीजीटी विज्ञान के लिए 2,588 पद खाली थे. अंग्रेजी और हिंदी के लिए रिक्त पदों की संख्या क्रमशः 2,053 और 1,089 है. संस्कृत टीजीटी के भी 1038 पद खाली हैं. पंजाबी टीचर के 82 और उर्दू टीचर के 339 पद खाली हैं. आरटीआई डेटा से साफ है कि बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद अभी भी खाली हैं. उक्त रिक्तियों को DSSSB (दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड) द्वारा जल्द से जल्द भरे जाने की योजना है.


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