पटनाः कोविड-19 के प्रति संक्रमण से आम लोगों की सुरक्षा एवं कोरोनावायरस काम में जिलाधिकारी पटना कुमार रवि को सहयोग प्रदान करने के लिए नौ प्रशासनिक अधिकारियों (तीन आईएएस एवं छ: बीएएस) को प्रतिनियुक्त किया गया है. इन अधिकारियों को डीएम पटना से समन्वय स्थापित करने और रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है.
इन प्रशासनिक अधिकारियों की हुई प्रतिनियुक्ती
प्रतिनियुक्त किए गए प्रशासनिक अधिकारियों में श्री वाई के पाल (2019,आईएएस), श्री सुमित कुमार (2019, आईएएस), श्री भी वीरकर (2019, आईएएस), श्री विवेक कुमार (बी ए एस), श्री ऋषभ (बी ए एस), श्री विजय कुमार (बीएएस), श्री शशि भूषण (बी ए एस), श्री बीएन पांडे (बी ए एस), श्री आरपी गौतम (बी ए एस) शामिल हैं.
जिलाधिकारी कुमार रवि ने कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव हेतु स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं सभी अनुमंडल पदाधिकारी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षात्मक बैठक की तथा आवश्यक निर्देश दिया.
संक्रमण के परिक्षण में आई तेजी
जिलाधिकारी द्वारा कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम करने हेतु विशेष पहल करते हुए टेस्टिंग कार्य में तेजी लाई गई है. इस क्रम में 25 टेस्टिंग सेंटर पर आज से शुरू किए गए कार्य के तहत कुल 529 व्यक्तियों का स्क्रीनिंग किया गया. इसमें 120 व्यक्ति का टेस्ट किया गया जिसमें 29 पॉजिटिव पाए गए हैं. जिलाधिकारी ने जोर देकर कहा है की सेंटर पर मात्र कोरोना लक्षण से युक्त व्यक्ति की ही जांच की जानी है अर्थात वैसा व्यक्ति जिन्हें सर्दी खांसी बुखार अथवा सांस लेने में तकलीफ हो. इसलिए टेस्टिंग सेंटर पर अनावश्यक एवं अकारण भीड़ भाड़ नहीं लगाएं इससे संक्रमण की संभावनाएं बढ़ सकती है.
कंटेनमेंट जोन को बफर जोन में बदला
छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन को बफर जोन में तब्दील किया गया है. पटना सदर के राजीव नगर रोड नंबर 1 से रोड नंबर 22 तक की छोटी-बड़ी गली को बैरिकेड कर चार कंटेनमेंट जोन को एक कर बृहद रूप में बफर जोन बनाया गया है. इसमें 17 केस पॉजिटिव है .साथ ही कंकड़बाग एरिया के आठ कंटेनमेंट जोन को एक कर एक बफर जोन बनाया गया है जिसमें 40 पॉजिटिव केस है. सभी जगह मजिस्ट्रेट एवं पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है.
पटना सिटी अनुमंडल के सुल्तानगंज एरिया के तीन कंटेनमेंट जोन को मिलाकर एक बफर जोन ट्रांसपोर्ट नगर के चार कंटेनमेंट जोन को मिलाकर एक बफर जोन तथा खाजेकला एरिया के दो कंटेनमेंट जोन को मिलाकर एक बफर जोन बनाया गया है.बाढ़ अनुमंडल में 4 बफर जोन है. इसके तहत मोकामा में दो तथा बख्तियारपुर में दो बफर जोन हैं. मसौढ़ी में 5 कंटेनमेंट जोन रह गया है.दानापुर अनुमंडल के तहत गोला रोड के छ : कंटेनमेंट जोन को मिलाकर एक बफर जोन बनाया गया है. जिलाधिकारी ने सभी बफर जोन में हाउस टू हाउस सर्वे करने कथा दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति कर आवश्यक सामग्री की आपूर्ति बहाल रखने का निर्देश दिया है.
कॉल करके रखी जा रही निगरानी
नियंत्रण की दूरभाष संख्या 0612-2249964 द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है तथा लोगों को आवश्यक जानकारी दी जा रही है. इस क्रम में शनिवार को कुल 89 कॉल अटेंड किए गए जिसमें 20 कॉल बीमारी के बारे में चिकित्सीय परामर्श दिया गया 22 कॉल टेस्ट के बारे में पूछताछ की गई. 9 कॉल आइसोलेशन अस्पताल के बारे में पूछताछ की गई 2 कॉल टेस्ट के रिपोर्ट के बारे में पूछी गई तथा शेष अन्य जानकारी पर आधारित कॉल थे. सभी कॉल को अटेंड करते हुए आवश्यक परामर्श एवं जानकारी दी जा रही है.
S.M.S. से दी जा रही जानकारी
उल्लेखनीय है कि जिलाधिकारी ने विशेष पहल करते हुए S.M.S. के माध्यम से लोगों तक जानकारी पहुंचाई जा रही है. जब कोई व्यक्ति टेस्ट कर आता है उसका मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड किया जाता है तथा उस नंबर पर उन्हें S.M.S. जाता है कि आपका सैंपल कलेक्ट कर लिया गया है. दूसरे चरण में पुन: रिपोर्ट के बारे में पॉजिटिव नेगेटिव के रूप में जानकारी S.M.S. के माध्यम से पहुंचाई जा रही है जिससे लोगों को सरल एवं सुगम तरीके से जानकारी उपलब्ध हो जाती है. जिलाधिकारी ने कहा है कि सावधानी ही बचाव है इसलिए सभी लोग मास्क/ सैनिटाइजर का अवश्य प्रयोग करें एवं सोशल डिस्टेंस मेंटेन रखें.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन डॉक्टर राज किशोर चौधरी जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विनायक अपर समाहर्ता राजस्व श्री राजीव श्रीवास्तव तथा सभी अनुमंडल पदाधिकारी संबद्ध थे. जिलाधिकारी श्री कुमार रवि ने कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ हिंदी भवन सभागार में बैठक की तथा आवश्यक निर्देश दिया. बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा की कोविड-19 विश्वव्यापी महामारी को ध्यान में रखकर सभी अस्पताल खुला रखे हैं तथा इसकी जानकारी सिविल सर्जन कार्यालय को दें.
संक्रमित मरीज के लिए तीन तरह की व्यवस्था
कोविड-19 से संबंधित मरीजों के लिए तीन तरह की व्यवस्था सरकार के द्वारा की गई है. पहला होम आइसोलेशन एवं उसकी निगरानी दूसरा माइल्ड सिंप्टोमेटिक मरीजों के लिए कोविड केयर सेंटर जिला एवं अनुमंडल स्तर पर एवं कोविड केयर हॉस्पिटल जिला स्तर पर बनाया गया है. तीसरा डेडीकेटेड कोविड-19 एनएमसीएच पीएमसीएच एवं एम्स में बनाया गया है.
जिलाधिकारी ने निजी अस्पताल को आगे आने तथा कोविड-19 मरीजोंहेतु फ्लू कॉर्नर बनाकर चिकित्सा प्रारंभ करने को कहा.संदिग्ध मरीजों जैसे बुखार सर्दी सांस लेने में तकलीफ आदि की जांच फ्लू कॉर्नर में करना एवं संक्रमित मरीजों की पूरी रिकार्ड भी रखना अनिवार्य होगा. सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री इलनेस की स्क्रीनिंग एवं निगरानी निजी अस्पतालों में भी की जानी है इसकी जानकारी सिविल सर्जन कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा.
अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड के लिए 25% बेड आरक्षित
कोरोना मरीजों हेतु निजी अस्पतालों में कुल बेड के 20 से 25% आरक्षित आइसोलेशन वार्ड के रूप में रखने तथा किसी भी मरीज को इलाज से मना नहीं करने को कहा. उन्होंने कहा कि जो अस्पताल उपयुक्त होगा उसे इंडियन कीट भी उपलब्ध कराई जा सकती है एवं उसके उपरांत पॉजिटिव मरीज को आइसोलेशन वार्ड एवं नेगेटिव पेशेंट को जनरल वार्ड में रखा जा सकता है. निजी अस्पताल को कोविड-19 के तहत सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन देने तथा कोविड-19 से संबंधित प्रोटोकॉल का पालन करने तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया.
कोविड-19 के मरीजों के इलाज हेतु इच्छुक निजी अस्पताल सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन दें और सेवा भाव से मरीजों का इलाज करें. निजी अस्पताल में जो मरीज अपने खर्च पर इलाज के लिए तैयार होगा उसी मरीज को निजी अस्पतालों को दिया जाएगा बशर्ते कि अस्पताल मानक हो.
रैपिड एंटीजन कीट से कोविड-19 की जांच की अनुमति
संक्रमित व्यक्ति को जांच के लिए अनुमंडल स्तर जिला स्तर पर एवं एनएमसीएच पीएमसीएच आईजीआईएमएस एम्स में व्यवस्था की गई है. कोरोना जांच हेतु निजी क्षेत्र के पैथोलॉजी लैब को मान्यता दी गई है इसी क्रम में पारस अस्पताल को रैपिड एंटीजन कीट के माध्यम से कोविड-19 की जांच की अनुमति दी गई है.
जिलाधिकारी ने आयुष्मान भारत से जुड़े अस्पताल एवं अन्य बड़े निजी अस्पताल को इस महामारी में मरीजों की सेवा करने के लिए आगे आने के लिए कहा और बताया कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गोल्डन कार्ड धारी स्वयं एवं अपने परिवार का इलाज आयुष्मान भारत के सूचीबद्ध अस्पताल में करवा रहे हैं वैसे लाभार्थी कोविड-19 के इलाज ही संबंधित अस्पताल में करवाएंगे.
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