बिहार पुलिस के कोरोना संक्रमित जवान इन 5 अस्पतालों में करा पाएंगे इलाज, विभाग ने जारी किया आदेश
राजधानी पटना, गया और भागलपुर स्थित 5 अस्पतालों में संक्रमित पुलिसकर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी.
पटना: बिहार सरकार ने कोरोना से जारी लड़ाई में फ्रंट लाइन में कोरोना योद्धा की तरह खड़े बिहार पुलिस जवानों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमित होने वाले पुलिसकर्मियों के लिए कोरोना डेडिकेटेड 5 अस्पतालों में इलाज सुनिश्चित किया है. राजधानी पटना, गया और भागलपुर स्थित इन 5 अस्पतालों में संक्रमित पुलिसकर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी. वहीं इस काम को सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी पुलिस मुख्यालय स्तर पर नोडल पदाधिकारी आईजी मुख्यालय नयर हसन को दी गई है.
बिहार पुलिस मुख्यालय (कार्मिक एवं कल्याण प्रभाग) ने गुरुवार को नोटिस जारी कर इस संबंध में जानकारी दी है. नोटिस में कहा गया है कि राज्य में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण फ्रंट लाइन पर कार्यरत पुलिस बल में भी संक्रमित होने की घटना बढ़ रही है. पुलिस बल में कोरोना संक्रमण के प्रसार की रोकथाम और संक्रमित पुलिस पदाधिकारियों/कर्मियों की बेहतर इलाज के यह निर्णय लिया गया है...
1. सभी क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उप महानिरीक्षक अपने क्षेत्रान्तर्गत पुलिस बल में कोरोना संक्रमण की रोकथाम/ उपचार और संक्रमण से संबंधित सभी मामलों के लिए नोडल पदाधिकारी नामित किए जाते हैं. यह अपने क्षेत्रान्तर्गत आनेवाले हर जिले में एक समर्पित वाहन कोरोना से संक्रमित पुलिस पदाधिकारी/कर्मी के आवागमन आदि व्यवस्था के लिए सुरक्षित रखेंगे. पुलिस मुख्यालय स्तर पर नोडल पदाधिकारी के रूप में पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) रहेंगे, जो इस काम का अनुश्रवण करेंगे.
2. किसी पुलिस पदाधिकारी/कर्मी कोरोना से संक्रमण के बाद गंभीर रूप से बीमार हो जाने की स्थिति में नोडल पदाधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि राज्य में कोरोना के चिन्हित पांच अस्पताल, जिनमें तीन पटना में एक भागलपुर में तथा एक गया में अवस्थित है, उनमें से किसी एक निकटस्थ अस्पताल में संक्रमित पदाधिकारी/कृमि का इलाज किया जाए. इसके लिए नोडल पदाधिकारी उस अस्पताल के प्रबंधन के साथ समन्वय स्थापित कर आगे की कार्रवाई करेंगे.
3. पिछले दिनों पुलिस पदाधिकारियों/कर्मियों का स्थानांतरण किया गया हो तो कोविड-19 के संक्रमण के मौजूदा स्थिति और लॉकडाउन को देखते हुए, अगले आदेश तक उस ट्रांसफर आदेश के क्रियान्वयन को स्थगित रखा जाए मतलब ट्रांसफर्ड पदाधिकारी/कर्मी को ट्रांसफर न किया जाए और ट्रांसफर आदेश निर्गत हो चुका हो लेकिन वह पदाधिकारी/कर्मी भौतिक रूप से जा नहीं पाया है तो उनको फिर से मूल कार्यालय में ही बहाल कर लिया जाए.
4. पुलिस लाईन में स्थित कोई पुलिस पदाधिकारी/कर्मी कोरोना संक्रमित हो तो उनके लिए अलग निवास, मेस और शौचालय की व्यवस्था पुलिस लाईन के समीप ही की जाए.
दरसअल, पुलिसकर्मियों की स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर बिहार पुलिस एसोसिएशन, बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन लगातार सरकार और पुलिस मुख्यालय से पुलिसकर्मियों के लिए अलग अस्पताल की मांग कर रही थी. साथ ही हाल ही में जारी किए गए ट्रांसफर के आदेश को भी फिलहाल रोके जाने की मांग की गई थी, जिस पर बिहार पुलिस मुख्यालय ने आज मुहर लगा दी है.
विभाग के इस फैसले पर बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस एसोसिएशन की मांग और सुझाव को पुलिस मुख्यालय ने गम्भीरता से लेकर काफी बेहतर आदेश जारी किया है. इस आदेश का ह्रदय से स्वागत करता हूं, निश्चित रूप से बिहार के पुलिसकर्मियों के कोरोना के इलाज में फैसला सहायक होगा. पुलिस मुख्यालय को इसके लिए ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं.
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