कांग्रेस की पंजाब और छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से लखीमपुर घटना में जान गंवाने वाले किसानों और पत्रकार के परिजनों को आर्थिक सहायता के चेक बांटे गए. दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ने घटना के समय मदद का ऐलान किया था. पंजाब और छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री शुक्रवार को लखनऊ पहुंचे. लखनऊ पहुंच कर 4 किसानों के परिवार व एक पत्रकार के परिवार को दोनों सरकारों की तरफ से अलग अलग 50-50 लाख का चेक सौंपा. 


इस मौके पर पंजाब के मंत्री रणदीप नाभा ने कहा कि देश में तीन काले कानूनों के तहत जो किसान दुख भोग रहे हैं हम सब जानते हैं. जो लखीमपुर में हुआ उसके लिए दुख हुआ. वो मासूम जानें हम वापस नहीं ला सकते. जो दोषी हैं उनको सख्त सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों को पूरी कानूनी मदद भी देंगे. उन्होंने कहा कि 11 महीने से किसान घर छोड़कर बैठे हैं. आवाज उठाने पर किसान कुचला जा रहा है. वहीं पंजाब के सियासी हालात पर उन्होंने कहा कि पार्टी ने सही फैसले लिए हैं. आगामी चुनाव में महिलाओं की पूरी भागीदारी दिखेगी.


वहीं छत्तीसगढ़ के मंत्री शिव कुमार डहरिया ने कहा कि आज देश किस दौर से गुजर रहा है सभी देख रहे हैं. जिन लोगों की आज सरकार है उनका देश की आजादी में कोई सहयोग नहीं रहा. ये लोग अंग्रेजों के लिए काम करते थे. किसानों के साथ जो अन्याय हो रहा है उसके लिए किसानों के साथ हमारे नेता खड़े हैं. जब तक दोषी मंत्री का इस्तीफा न हो जाये, जब तक जिम्मेदारों को सजा न मिल जाये तब तक हम किसानों के साथ है. हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसान परिवार से आते हैं, हमारे प्रदेश में किसान खुशहाल हैं.


ग़ौरतलब है कि यहां बहराइच के किसान दलजीत सिंह, गुरविंदर सिंह, लखीमपुर खीरी के नक्षत्र सिंह, लवप्रीत सिंह, पत्रकार रमन कश्यप के परिजनों को सहायता राशि के चेक दिए गए. हालांकि परिजनों ने कहा कि आर्थिक सहायता अपनी जगह है लेकिन संतुष्टि तभी मिलेगी जब न्याय मिलेगा, दोषियों को सजा होगी. सभी ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे की मांग की.


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