छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने राज्य में शिक्षकों को कथित तौर पर आवारा कुत्तों की निगरानी का काम सौंपे जाने पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की शत प्रतिशत जवाबदेही स्कूल में शिक्षा की होनी चाहिए. कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने कहा कि सिर्फ जनगणना जैसा कोई एक अपवाद हो सकता है, जब शिक्षकों को काम सौंपा जाए, लेकिन मेरा मानना है कि शिक्षकों को शिक्षकीय कार्य के अलावा कोई अन्य कार्य नहीं सौंपा जाना चाहिए. उन्होंने शिक्षकों के लिए आवारा कुत्तों की निगरानी के फैसले को गलत ठहराया और कहा कि ऐसे निर्णयों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए.
नए श्रम कानून पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी
इसी बीच, टीएस सिंहदेव ने नए श्रम कानून पर अपनी भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, 29 मौजूदा श्रम कानूनों के स्थान पर लागू किया जा रहा है और अब उन्हें मिलाकर चार कानून करने का प्रस्ताव है. अगर यह व्यापक स्तर पर लागू होता है तो निश्चित रूप से मजदूर वर्ग को लाभ मिलेगा.
कांग्रेस की अंतर्कलह पर दिया ये जवाब
टीएस सिंहदेव ने कर्नाटक में कांग्रेस की अंतर्कलह पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, कांग्रेस में प्रजातांत्रिक खुलापन है. दूसरी पार्टियों में, खासकर भारतीय जनता पार्टी या कुछ दूसरी पार्टियों में, बहुत ज्यादा दबाव रहता है. यहां, अगर कुछ लोग अपनी बात कहना चाहते हैं, तो मुझे इसमें कोई बुराई नहीं दिखती. हाईकमान फैसले लेता है और वे पार्टी, कर्नाटक राज्य के हित में और मौजूदा हालात में जो सबसे सही होगा, उसे देखते हुए फैसला करेंगे.
कांग्रेस नेता ने 'बाबरी मस्जिद' विवाद पर कहा, विध्वंस के बाद बाबरी मस्जिद नहीं बन सकती है. नए मंदिर-मस्जिद और गुरुद्वारों का निर्माण नए समय के साथ हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि देश में हर धर्म के मानने वाले के लिए सुरक्षित वातावरण बना रहना चाहिए. किसी के साथ भेदभाव न हो. शांतिपूर्वक, समाज और समुदाय हित में नियमों का पालन करने की स्थिति होनी चाहिए.