प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ के बस्तर का विशेष रूप से उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि एक समय था, जब बस्तर का नाम सुनते ही नक्सलवाद और हिंसा की याद आती थी, लेकिन आज यह तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है.

Continues below advertisement

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गर्व के साथ कहा कि आज बस्तर के नौजवान बंदूक पकड़ने की जगह खेलों के मैदान में उतर रहे हैं. बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजन युवाओं की ऊर्जा, प्रतिभा और उत्साह का जीवंत प्रतीक बन चुके हैं. उन्होंने इस ऐतिहासिक बदलाव को सुरक्षा, विकास और जनसहभागिता के संयुक्त प्रयासों का परिणाम बताया.

नक्सलवाद 125 से अधिक जिलों से घटकर मात्र 20 जिलों तक 

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कभी देश के अनेक हिस्सों को नक्सलवाद की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता था. हिंसा और भय के माहौल ने दशकों तक विकास की गति को जकड़ रखा था, जिससे प्रगति के रास्ते थम से गए थे. उन्होंने कहा कि अब यह स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है.

Continues below advertisement

उन्होंने कहा कि नक्सलवाद आज देश में केवल कुछ ही जिलों तक सीमित रह गया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 11 सालों में नक्सलवाद 125 से अधिक जिलों से घटकर मात्र 20 जिलों तक सीमित हो गया है. उन्होंने कहा कि आज बस्तर में खेलकूद, शिक्षा, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर लगातार बढ़ रहे हैं.

बस्तर अब शांति, प्रगति और गौरव की राह पर - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि बस्तर की यह नई पहचान आने वाली पीढ़ियों के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत बनेगी और यह क्षेत्र अब शांति, प्रगति और गौरव की राह पर निरंतर आगे बढ़ता रहेगा. 

बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के मौके पर कई बड़ी घोषणाएं कीं. अहम बात यह भी है कि प्रधानमंत्री ने इस बार अपने भाषण के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. उन्होंने लाल किले की प्राचीर से अब तक का सबसे लंबा भाषण दिया. पीएम 103 मिनट तक देश को संबोधित करते रहे.